पश्चिम रेलवे के दो आरपीएफ कार्मिक भारतीय पुलिस पदक से सम्मानित होंगे

मुंबई, 28 जनवरी, (हि. स.)। पश्चिम रेलवे के मुख्य सुरक्षा आयुक्त सौरभ त्रिवेदी और सब-इंस्पेक्टर खीमानंद बेलवाल को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए प्रतिष्ठित भारतीय पुलिस पदक से सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है। 72 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आलोक कंसल ने इन दोनों आरपीएफ कार्मिकों को इस उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई दी है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर के अनुसार सौरभ त्रिवेदी ने अपनी सेवा की शुरुआत से ही अलीपुरद्वार और मैसूर में अपनी सेवा अवधि में प्रशासनिक कुशाग्रता, टीम भावना तथा पुलिस कार्य के प्रति रूझान को प्रदर्शित किया, जिसके परिणामस्वरूप उनके अधीन फील्ड में कार्यरत कर्मियों ने रेल संपत्ति के अपराधों में लिप्त कई अपराधी गुटों को समाप्त किया है। रेलवे में अपनी निष्ठापूर्ण सेवा के दौरान उन्होंने रेलवे में उग्रवादी संगठनों, असामाजिक तत्वों और अपराधियों तथा संगठित अपराधियों से निपटने में अद्वितीय नेतृत्व, साहस, दृढ़ संकल्प, समर्पण, संवेदनशीलता, निष्पक्षता और दृढ़ निश्चय की भावना प्रदर्शित की है। उन्होंने प्रत्येक अवसर पर इन जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा एवं कुशलता से निभाया है।
वर्ष 2008 में आईआईएम बैंगलोर से प्रबंधन में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा प्राप्त करके उन्होंने पुलिस फोर्स के विकास और आधुनिकीकरण में उत्कृष्टता लाने हेतु अपने प्रबंधकीय कौशल का उपयोग किया है। श्री त्रिवेदी के कमाण्ड के अधीन ही तिनसुकिया मंडल ने वर्ष 2015 में जोनल सिक्योरिटी शील्ड हासिल की और इन उत्कृष्ट सेवाओं के लिए रेल मंत्रालय द्वारा उन्हें राष्ट्रीय रेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पूर्व रेलवे के उप मुख्य सुरक्षा आयुक्त के रूप में त्रिवेदी को क्षेत्रीय रेलवे पर RSMS के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी तथा इसके साथ ही उन्हें यात्री शिकायत निवारण प्रणाली को भी सरल बनाने का कार्य प्रदान किया गया था। उनके कार्यकाल के दौरान उत्कृष्ट सेवा हेतु डीजी/आरपीएफ द्वारा त्रिवेदी को वर्ष 2017 में महानिदेशक का प्रतीक चिन्ह (डी जी इनसिग्निया) प्रदान किया गया।
सितम्बर, 2018 में डीआईजी के रूप में पदोन्नत होकर त्रिवेदी पश्चिम रेलवे के मुख्य सुरक्षा आयुक्त के रूप में कार्यरत हैं। व्यस्त महानगर मुंबई में सघन उपनगरीय रेल यातायात सहित छह मंडलों में फैले लंबी दूरी की ट्रेनों की सुरक्षा का प्रबंधन एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। इस भूमिका के निर्वहन में त्रिवेदी ने सुरक्षा बल के एक वरिष्ठ अधिकारी के रूप में अपने उल्लेखनीय साहस का परिचय देने के साथ-साथ पश्चिम रेलवे के प्रमुख मुख्य सुरक्षा आयुक्त के कमांड की श्रृंखला को निर्देशित करने एवं फील्ड कर्मचारियों तथा प्रधान कार्यालय के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में अपनी अहम भूमिका निभाई है। त्रिवेदी की सटीक मॉनिटरिंग एवं कुशल पर्यवेक्षण में पश्चिम रेलवे के सुरक्षा बल के समग्र विकास को एक नया आधार मिला है। विशेषत: सुरक्षा बल के आधारभूत अपग्रेडेशन, नई तकनीकों की शुरूआत एवं उपयोग, यात्री जुर्म में कमी, समयपालनता, सोशल मीडिया संबंधी पहलों तथा अवैध सॉफ्टवेयर के उपयोग से आरक्षित टिकटों की धोखाधड़ी करने वाले संगठित गिरोहों के भंडाफोड में त्रिवेदी का बहुमूल्य योगदान रहा है।
भारतीय पुलिस पदक से सम्मानित एक अन्य कार्मिक खीमानंद बेलवाल वर्ष 1988 में फायर ब्रांच में एक कांस्टेबल के रूप में शामिल हुए और 1999 तक प्रशासन को अपनी सर्वश्रेष्ठ सेवाएं प्रदान कीं। इस अवधि के दौरान, उन्होंने यात्री कोच में सीएफओ यार्ड, मुंबई सेंट्रल में आग लगने की बड़ी घटना को नियंत्रित करने के लिए अनुकरणीय साहस और उत्साह दिखाया और साथ ही बांद्रा टर्मिनस यार्ड में कंटेनर में आग लगने की एक और घटना को नियंत्रित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्हें 2016 से 2019 तक पश्चिम रेलवे के प्रधान कार्यालय, चर्चगेट में क्राइम इंटेजिलजेन्स ब्रांच में तैनात किया गया था, जहां स्टाफ मामले, कर्मचारियों की शिकायतें, रेल सुरक्षा बल के कर्मचारियों द्वारा किए गए अच्छे कार्य, दैनिक स्थिति रिपोर्ट, डिविजनल क्राइम विंग वर्कस के रखरखाव, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा से संबंधित फाइलों के कार्य संभाल रहे थे।
बेलवाल सीआईबी, प्रधान कार्यालय, चर्चगेट से स्थानान्तरण पर पश्चिम रेलवे के मुंबई सेंट्रल मंडल के विरार रेल सुरक्षा पोस्ट में अप्रैल 2019 को ज्वाइन हुए और उन्होंने कम समय में रेल अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत 3250 मामलों का पता लगाने का अनुकरणीय कार्य जारी रखा है। फरवरी, 2020 से एसटीसी/12 बीएन आरपीएसएफ/ठाकुरली की महिला कांस्टेबल भर्ती के लिए प्रारंभिक प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं और इस प्रकार अपने ज्ञान और अनुभव के जरिए बल के सदस्यों को तैयार करने में उल्लेखनीय योगदान दे रहे हैं। अपनी 32 वर्षों की सेवा के दौरान उन्होंने रेलवे पर अपराधों को नियंत्रित करने में रेल प्रशासन के साथ सहयोग करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और अपने सेवा काल के दौरान अपने पद पर किसी ब्लैक स्पॉट के लिए कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी है।
ठाकुर ने बताया कि यह उपलब्धि न केवल त्रिवेदी और बेलवाल के लिए बल्कि पूरे पश्चिम रेलवे के लिए बहुत गर्व की बात है, जिसमें उन्हें 72वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर उनकी सराहनीय सेवाओं के लिए भारतीय पुलिस पदक से सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है। इन प्रतिष्ठित पुरस्कारों का वितरण नई दिल्ली में निकट भविष्य में आयोज्य राष्ट्रीय स्तर के समारोह में किया जाएगा।