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गांधी स्टेडियम में मेला लगाने के आदेश से युवाओं में आक्रोश, ट्रक को किया वापस

बेगूसराय, 02 नवम्बर (हि.स.)। बेगूसराय के जनप्रतिनिधि, खेल प्रेमी और सामाजिक कार्यकर्ता जहां जिला मुख्यालय में समाहरणालय के समीप स्थित गांधी स्टेडियम का खिलाड़ियों और आम लोगों के लिए पुनर्निर्माण कराने का प्रयास कर रहे हैं। जिला प्रशासन इसे कमाई का जरिया मान रही हैं, जिससे बेगूसराय के युवाओं और बेरोजगारों में काफी आक्रोश है। जिला प्रशासन द्वारा गांधी स्टेडियम में मेला लगाए जाने की स्वीकृति देने के बाद बुधवार को जब ट्रक से मेला लगाने का सामान पहुंचा तो लोग टस्टेडियम में मॉर्निंग वॉक कर रहे लोग खिलाड़ी एवं पुलिस विभाग से संबंधित प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे युवा आक्रोशित हो गए तथा विरोध जताते हुए ट्रक को वापस कर दिया। सिपाही परीक्षा की तैयारी कर रहे राजन कुमार, अभिषेक कुमार, विनोद कुमार, मॉर्निंग वॉक कर रहे अमित जायसवाल, मृत्युंजय कुमार वीरेश, क्रिकेट खेल रहे राजीव कुमार, रोशन कुमार, नीरज कुमार आदि ने कहा कि हमारे पूर्वजों अधिकारियों ने जिला मुख्यालय में यह स्टेडियम जिस उद्देश्य से बनाया था, जिला प्रशासन उस उद्देश्य की पूर्ति के बदले इसे कमाई का जरिया बना रही रही है। 15 अगस्त 1976 को शिलान्यास किए गए गांधी स्टेडियम का निर्माण तीव्र गति से करके 14 नवम्बर 1976 को तत्कालीन जिलाधिकारी एन.के. अग्रवाल द्वारा उद्घाटन किया गया। इस स्टेडियम के निर्माण पर बरौनी रिफाइनरी ने लाखों रुपए खर्च किए। अब स्टेडियम जब जर्जर हो गया है तो स्थानीय सांसद और केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह के प्रयास से बरौनी रिफाइनरी द्वारा सीएसआर फंड से एक बार फिर इस स्टेडियम के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। मॉर्निंग वॉकर और खिलाड़ी अपनी सुविधा के अनुसार स्टेडियम का उपयोग करते हैं, ऐसे में मेला लगाए जाने से आखिर लोग कहां जाएंगे। क्रिकेटर और जिला भाजपा के उपाध्यक्ष मृत्युंजय कुमार वीरेश ने बताया कि कई वर्षों के बाद फिर से जिला प्रशासन के द्वारा गांधी स्टेडियम में मेला लगाने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि यहां के स्थानीय खिलाड़ी, बिहार पुलिस, आर्मी जैसे कई सेना की बहाली की तैयारी करने वाले लड़के-लड़कियों के लिए शहर का मात्र एक गांधी स्टेडियम है। उसमें भी जिला प्रशासन के द्वारा मेला लगाया जा रहा है, जबकि जिला प्रशासन के द्वारा गांधी स्टेडियम की स्थिति खराब है। इसके लिए जिला प्रशासन को कोई चिंता नहीं है, लेकिन राजस्व के लिए प्रतिदिन पांच हजार के किराया पर गांधी स्टेडियम को मेला वाले को दी जा रही है। जिसको लेकर आज स्थानीय खिलाड़ी और तैयारी कर रहे युवा लोगों के द्वारा मेला लगने का विरोध किया है। जिला प्रशासन अविलंब गांधी स्टेडियम में मिला को स्थगित करे, नहीं तो खेल प्रेमी और खिलाड़ी फिर से आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
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