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औषधि की जानकारी के साथ ही विद्यार्थियों को दी योग की शिक्षा

लखनऊ, 21 जून (हि.स.)। सीएसआईआर-सीडीआरआई लखनऊ में 9वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर, सीएसआईआर-जिज्ञासा परियोजना के तहत एक स्टूडेंट-साइंटिस्ट कनेक्ट कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें बीएन कॉलेज ऑफ फार्मेसी, बीकेटी, लखनऊ से 60 विद्यार्थियों एवं दो प्रोफेसर के एक बैच को आमंत्रित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य औषधि अनुसंधान एवं विकास की जानकारी के साथ-साथ स्वास्थ्य की सही देखभाल के लिए योग को बढ़ावा देना भी था। औषधि अनुसंधान एवं विकास पर चर्चा करने से पूर्व अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में डॉ. संजीव यादव, वरिष्ठ वैज्ञानिक सीडीआरआई लखनऊ ने स्वास्थ्य देखभाल के लिए योग की महत्ता के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि योग केवल शारीरिक व्यायाम ही नहीं, बल्कि एक मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास भी है। इसके माध्यम से बीमारियों से बचाव तो होता ही अनावश्यक औषधियों के सेवन पर निर्भरता भी कम होती है। उन्होंने छात्रों से प्रतिदिन योग करने का आग्रह किया एवं योग के लाभ बताते हुए कहा कि योग करने से अनगिनत लाभ होते है, जैसे कि तनाव, चिंता एवं अवसाद को कम करना, मांसपेशियों की ताकत का बढ़ना, शारीरिक लचीलापन बढ़ना, नींद में सुधार करना, समग्र कल्याण एवं जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि करना इत्यादि। औषधि अनुसंधान एवं विकास में सीएसआईआर-सीडीआरआई की भूमिका के विषय में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि किस प्रकार यह संस्थान अपने स्थापना के समय से विभिन्न औषधियों के विकास के साथ साथ देश- विदेश के हेल्थकेयर सेक्टर एवं फार्मा इंडस्ट्री के विकास हेतु कुशल मानव संसाधन भी विकसित कर रहा है। संस्थान के वैज्ञानिकों ने सफल मेहनत एवं कठिन परिश्रम से विभिन्न रोगों की दवाएं विकसित की हैं। उन्होंने बताया कि सीडीआरआई वर्तमान में कई गंभीर रोगों पर अनुसंधान कर रहा है, जिसके साथ जुड़कर छात्र अपने कैरियर को नया आयाम दे सकते हैं। फार्मास्यूटिक्स और फार्माकोकाइनेटिक्स में, वैज्ञानिक डॉ. पी.आर. मिश्रा, डॉ जे.आर. गाइन एवं डॉ रबी भट्टा तथा उनकी शोधकर्ताओं की टीम ने ड्रग फॉर्मूलेशन, शरीर में दवाओं के चयापचय एवं संबंधित अनुसंधान को समझाया। प्रयोगशाला जन्तु सुविधा के अपने दौरे के दौरान, प्रतिभागियों को वैज्ञानिक डॉ. राजदीप गुहा एवं डॉ. धनंजय हंसदा के साथ बातचीत करने का भी अवसर मिला। तकनीकी अधिकारी चंद्रशेखर यादव द्वारा अनुसंधान के लिए आवश्यक विभिन्न जन्तु मॉडलों का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम के अंत में छात्रों एवं शिक्षकों ने इस कार्यक्रम के समग्र अनुभव पर अपनी प्रतिक्रिया दी।
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