Logo
Header
img

पंच पर्वों का त्योहार दीवाली, जाने पूजा का मुहूर्त

हरिद्वार, 19 अक्टूबर (हि.स.)। दीपावली के त्योहारों की श्रृंखला आरम्भ हो चुकी है। हालांकि दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है, किन्तु पर्वां की श्रृंखला नवरात्र के साथ ही आरम्भ हो जाती है। दीपावली को पंच पर्व भी कहा जाता है।

दीपावली पर्व की श्रृंखला धनतेरस से आरम्भ होकर भाई दूज या यम द्वितीया के साथ समाप्त होती है। पंच पर्वों में पहले दिन धनतेरस, नकर चौरस या काली चौदह अथवा छोटी दीपावली भी कहा जाता है। इसके बाद दीपावली का पर्व आता है। दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा व पंच पर्व के अंतिम दिन भाई दूज का पर्व मनाया जाता है।

इस बार नरंक चौदस या छोटी दीपावली व दीपावली एक ही दिन मनाए जाएंगे। दीपावल के अगले दिन गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है, किन्तु इस बार दीपावली के अगले दिन भी अमावस्या तिथि और सूर्य ग्रहण होने के कारण गोवर्धन पूजा दीपावाली के दूसरे दिन यानि 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा। भाई दूज का पर्व 27 अक्टूबर को मनाने के साथ पंच पर्वों की श्रृंखला का समापन होगा।

कार्तिक माह में अमावस्या तिथि को दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। पूरे भारत में इस पर्व का अलग ही उल्लास देखने को मिलता है। इस दिन पूरा देश दीये को रोशनी से जगमगा उठता है। हिंदू धर्म में दिवाली को सुख-समृद्धि प्रदान करने वाला त्योहार माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी अपने भक्तों के घर पधारती हैं और उन्हें धन-धान्य का आशीर्वाद प्रदान करती हैं। कहा जाता है कि दिवाली के दिन ही प्रभु श्रीराम लंकापति रावण पर विजय प्राप्त करके अयोध्या लौटे थे। 14 वर्ष का वनवास पूरा कर भगवान राम के अयोध्या लौटने की खुशी में लोगों ने पूरे अयोध्या को दीयों को रोशनी से सजा दिया था। तभी से पूरे देश में दिवाली मनाई जाती है।

पं. देवेन्द्र शुक्ल शस्त्री के मुताबिक इस वर्ष कार्तिक माह की अमावस्या तिथि 24 और 25 अक्टूबर दोनों दिन पड़ रही है। लेकिन 25 अक्टूबर को अमावस्या तिथि प्रदोष काल से पहले ही समाप्त हो रही है। 24 अक्टूबर को प्रदोष काल में अमावस्या तिथि होगी। 24 अक्टूबर को निशित काल में भी अमावस्या तिथि होगी। इसलिए इस साल 24 अक्टूबर को ही पूरे देश में दीवाली का पर्व मनाया जाएगा।

Top