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अच्छे मानसून के कारण राजस्थान के 716 बांधों में से 303 बांध पूरी तरह लबालब

जयपुर, 12 अक्टूबर (हि.स.)। इस बार प्रदेश में प्रचुर बरसात के चलते अधिक क्षमता वाले 716 बांधों में से 303 बांध पूरी तरह से भर गए हैं। आंशिक रूप से 208 बांध भरे हैं। प्रदेश के कुल बांधों में पर्याप्त जल भराव से यह 83.34 प्रतिशत तक भर गए हैं। पिछले साल ये 70.86 प्रतिशत भरे थे।

सबसे अधिक जयपुर संभाग में छोटे-बड़े 268 बांध हैं। इसके साथ उदयपुर संभाग में 245 बांध हैं। बड़े बांधों की भराव क्षमता के अनुसार सभी बड़े बांधों में पानी जमकर आया है। राणा प्रताप सागर बांध पूरा भरा है। इसके साथ ही बांसवाड़ा का माही बजाज सागर, कोटा बैराज, बीसलपुर बांध, डूंगरपुर का सोम कमला अम्बा, उदयपुर का जयसमन्द, प्रतापगढ़ के जाखम बांध के साथ बूंदी का गुढा बांध पूरे भरे हैं। इससे प्रदेश में साल भर पेयजल व सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल सकेगा।

राज्य में इस बार अनुकूल मानसून के चलते औसत से 45 प्रतिशत अधिक बरसात हुई है। इससे सभी 33 जिलों में बरसात ने औसत पार कर लिया है। अगस्त तक 539 मिलीमीटर बरसात हुई है। मौसम विभाग के अनुसार इससे पहले वर्ष 1944 में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान प्रदेश में 611 मिलीमीटर बरसात हुई थी।मौसम विभाग के अनुसार 10 जिलों में सामान्य बरसात हुई है, जबकि 16 जिलों में सामान्य से अधिक और सात जिलों में अत्यधिक बरसात मापी गई है। विभाग के अनुसार पूर्वी राजस्थान में 23 प्रतिशत और पश्चिम राजस्थान में 68 प्रतिशत अधिक बरसात हुई है। सितम्बर-अक्टूबर के दौरान भी मानसून विदा होने के बाद तक बरसात का दौर राज्य में जारी है। मानसून की विदाई के बाद पूर्वी और दक्षिण राजस्थान में फिर से बरसात का दौर चला है।

बंगाल की खाड़ी पर बने दबाव से प्रदेश में हो रही बरसात का असर मंगलवार को धीमा पड़ गया। इसके प्रभाव से अंता में सबसे अधिक 17 मिलीमीटर बरसात हुई है। जयपुर संभाग के शेखावाटी क्षेत्र के पिलानी और चूरू के साथ आस-पास के इलाकों में हल्की बूंदाबांदी हुई। पश्चिम राजस्थान में बादलों की आवाजाही रही, लेकिन यहां सूरज चमकता रहा। राजधानी में बादलों और सूर्य की आंख मिचौली चलती रही। मौसम विभाग के अनुसार 12 अक्टूबर से प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर तापमान में वृद्धि होने की संभावना है। विभाग के अनुसार पूर्वी राजस्थान में आगामी एक सप्ताह तक मौसम शुष्क रहने की संभावना है। इससे अधिकतम तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ोत्तरी की संभावना जताई गई है।

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