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समाज के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचा रही है जीविका दीदियां

पटना , 30 नवम्बर (हि.स.)। कल तक घरों कि दहलीज को लांघने में झिझकने वाली महिलाएं आज पूरे आत्मविश्वास के साथ लोगों के स्वास्थ्य एवं पोषण को बेहतर बनाने के लिए कार्य कर रही है। आज वह ऐसे स्वास्थ्य उपकरणों को सफलता पूर्वक संचालित कर रही हैं जो कल तक उनके लिए एक सपना था। ऐसा संभव हो पाया जीविका के प्रयास से।


बेगूसराय जीविका द्वारा जिले कि चयनित दीदियों को प्रशिक्षित कर उन्हें इस काबिल बना दिया कि अब वे स्वास्थ्य जांच जैसी गतिविधियों में संलग्न हैं। बेगूसराय के 194 सामुदायिक स्वास्थ्य एवं पोषण संसाधन सेवियों (सीएनआरपी) को हेल्थ किट से जीविका दीदियों और उनके बच्चों के स्वास्थ्य की जांच करने की जानकारी आवासीय प्रशिक्षण देकर उपलब्ध करायी गई है।


कुशलता पूर्वक कर रही हैं मशीनों का संचालन :


प्रशिक्षण के दौरान सीएनआरपी को हेल्थ किट से शुगर, ब्लड प्रेशर, वजन आदि की जांच के संबंध में जानकारी दी गई। इन प्रशिक्षणों के बाद बेगूसराय जिले के 194 सामुदायिक स्वास्थ्य एवं पोषण संसाधन सेवियों (सीएनआरपी) को बीपी मशीन, इंफेंटोमीटर, स्टेडीयोमीटर, वेयिंग मशीन आदि जीविका द्वारा उपलब्ध करवाया गया है। चयनित सभी दीदी कुशलता पूर्वक इन मशीनों का संचालन कर रही है।


194 पंचायत में अभी दी गई है सुविधा :


इससे लोगों को काफी राहत मिली है। बताते चलें कि सीएनआरपी जीविका की एक कैडर है, जिसका चयन उसकी योग्यता के आधार पर सामुदायिक संगठनों द्वारा किया जाता है। सीएनआरपी अपने लक्षित क्षेत्र में जीविका दीदियों और उनके परिजनों को स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वच्छता के संबंध में जानकारी देकर जागरूक करती है। एक पंचायत में एक सीएनआरपी कार्यरत है। वर्तमान समय में जिले के विभिन्न पंचायतों में कुल 194 सीएनआरपी कार्यरत हैं।


दी गई है आधुनिक जांच मशीन :


इन दीदियों को उनके कार्य के एवज में जीविका द्वारा मानदेय दिया जाता है। सभी सीएनआरपी को कई प्रकार का स्वास्थ्य उपकरण जीविका द्वारा उपलब्ध करवाया गया है। स्वास्थ्य उपकरणों में डिजिटल बीपी मशीन, डिजिटल थरमामीटर, बेबी वेयिंग मशीन, वेयिंग मशीन फॉर एडल्ट, इंफेंटोमीटर, स्टीरियो मीटर, इंच टेप एवं ग्लूकोमीटर आदि प्रमुख है। सभी मशीनों का उपयोग सीएनआरपी दीदियों द्वारा खुद किया जाएगा।


मात्र पांच रूपये में होगी बीपी की जांच :

ग्लूकोमीटर का उपयोग डॉक्टर, नर्स या सीएचओ के सामने करेंगी। इन उपकरणों के रख-रखाव कि जिम्मेदारी भी सीएनआरपी की होगी। सीएनआरपी द्वारा यंत्रों के उपयोग के लिए लाभार्थियों से मामूली शुल्क लिया जाएगा। जिसमें वजन के लिए मात्र रुपये तथा बीपी जांच के लिए मात्र पांच रूपये। स्वास्थ्य उपकरण के संचालन प्रशिक्षण के बाद सीएनआरपी अपने लक्षित क्षेत्रों में जीविका दीदी एवं उनके परिजनों के साथ आम लोगों को स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वच्छता से संबंधित जानकारियों से अवगत कराएंगी।


जांच के साथ दी जाएगी विभिन्न जानकारी


आवश्यकता के अनुसार रक्तचाप एवं ऊंचाई के हिसाब से वजन की माप भी करेगी। इन दीदियों द्वारा खानपान, गर्भावस्था के पूर्व, दौरान एवं बाद की जांच, पांच खाद्य समूह आदि के संबंध में भी जानकारी दी जाएगी. जांच के बाद आवश्यकता होने पर दीदियों को स्वास्थ्य केंद्र जाने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा। जीविका के इस पहल से लोगों को न्यूनतम खर्च पर घर बैठे जांच की सुविधा मिल जाएगी। इससे वह बीमारियों की गंभीरता के चपेट में आने से भी बच सकेंगे।


एक-दूसरे से सीखने की परंपरा को मिलेगा बढ़ावा :


साहेबपुर कमाल प्रखंड की सामुदायिक स्वास्थ्य एवं पोषण संसाधन सेवी (सीएनआरपी) लवली कहती हैं कि उनके लिए सीएनआरपी रूप में काम करना बहुत बड़ी बात है। मैंने इसके संबंध में कभी सोचा नहीं था, आज जिले भर की महिलाएं मुझे पहचानती हैं और मुझे बहुत अच्छा लगता है जब मुझे सुनती हैं और मेरी कही बातों का पालन करती हैं। लवली कहती है कि जीविका ने महिलाओं के बीच एक-दूसरे से सीखने की परंपरा को बढ़ावा दिया है।


पोषण की स्थिति में भी होगा सुधार :


लवली कहती है कि स्वास्थ्य उपकरणों के संचालन से हमारे आत्मविश्वास में और ज्यादा बढ़ोतरी हुई है, इस प्रशिक्षण से हमलोगों को काफी लाभ हुआ है। बेगूसराय जीविका के स्वास्थ्य एवं पोषण प्रबंधक रजनीश बताते हैं कि बेगूसराय के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वच्छता कार्यक्रम की सफ़लता का श्रेय इन सीएनआरपी को जाता है। क्योंकि ये 194  सीएनआरपी जिले में पोषण की स्थिति में सुधार के लिए प्रतिबद्ध हैं।


जीविका का प्रयास बना चर्चा का विषय


रजनीश कहते हैं कि इन उपलब्धियों को आगे ले जाने के लिए एक बेहतरीन वातावरण का निर्माण करना ज़रूरी है। जो स्वास्थ्य, पोषण और स्वच्छता की स्थिति को और बेहतर बनाने की दिशा में योगदान देती हैं। इस वातावरण को बनाने में सीएनआरपी दीदी मुख्य भूमिका निभा रही हैं। जीविका के प्रयासों का नतीजा है कि आज स्वास्थ्य, पोषण और स्वच्छता जैसा विषय दीदियों के चर्चा का विषय है। स्वास्थ्य उपकरणों के संचालन का सफल प्रशिक्षण लिया जा रहा है। लक्षित क्षेत्र में उपयोग के लिए उपकरणों कि उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।


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