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ऐतिहासिक गीता पार्क की रामलीला का 13 अक्टूबर से शुरू होगा मंचन

कानपुर,05 सितम्बर (हि.स.)। आजादी से पूर्व स्थापित ऐतिहासिक गीता पार्क राम लीला कमेटी का 77 वां वार्षिक महोत्सव गणेश पूजन एवं नारद मोह और रावण दिग्विजय भव्य आतिशबाजी के साथ 13 अक्टूबर के दिन शुक्रवार से शुरू होगा। यह जानकारी गुरुवार को रामलीला कमेटी के अध्यक्ष अजय यादव उर्फ अज्जू यादव ने दी। आजादी से पूर्व स्थापित गीता पार्क रामलीला कमेटी का इतिहास 77 वर्ष पुराना है। इस रामलीला का आयोजन अछूतानंद पार्क द्वारकापुरी में किया जाता था। इसके बाद वहां से लीला का आयोजन कमला नेहरू पार्क में ले जाया गया। हालांकि वर्तमान में 1984 से इसका स्थान गीता पार्क बन गया। जिसके बाद से प्रत्येक वर्ष मर्यादा पुरुषोत्तम के जीवन की लीला का मंचन किया जा रहा है महामारी की वजह से दो वर्ष मंचन नहीं हो सका। उन्होंने बताया कि सर्व प्रथम इस कमेटी की शुरुआत 1946 से अछूतानंद पार्क में स्वर्गीय जवाहर लाल शर्मा की अध्यक्षता में हुआ करता था। हालांकि वर्तमान में कमेटी का मैं अध्यक्ष हूॅ। पूर्णतः इसके मंचन एवं साज-सज्जा में आने वाला खर्च पूरा समाज ही वाहन करता चला आ रहा है। भगवान राम की लीला में समाज के लोग बढ़चढ़कर सहयोग करते है। उन्होंने बताया कि 13 अक्टूबर दिन शुक्रवार की शाम प्रथम दिन श्री गणेश पूजा एवं देवर्षि नारद के मोह और लंकाधिराज रावण दिग्विजय की लीला का मंचन होगा। इसी तरह 14 अक्टूबर को श्री राम जन्म, कुनियाचना और ताड़का वध, 15 अक्टूबर को अहिल्या उद्धार, गंगा लीला, पुष्पवाटिका, 16 को धनुष यज्ञ, परशुराम लक्ष्मण संवाद, 17 अक्टूबर को राम कलेवा, दशरथ प्रतिज्ञा, राम बनवास, 18 अक्टूबर को केवट संवाद,दशरथ मरण,भरत—मिलाप, 19 अक्टूबर को सूर्पनखा, नाक—कान—छेदन और सीता हरण, शबरी आश्रम, 20 को सुग्रीव मित्रता,बाली वध, लंका दहन,21 अक्टूबर को विभीषण शरणागत, सेतुबंध स्थापना, अंगद रावण—संवाद, 22 अक्टूबर को लक्ष्मण शक्ति,कुम्भकरण वध एवं झांकी, 23 को मेघनाथ वध, अहिरावण वध एवं झांकी, 24 अक्टूबर को रावण वध, आतिशबाजी, पुतला दहन मेला और 25 अक्टूबर को भरत मिलाप, सवारी भ्रमण, श्री राम राज्याभिषेक, गीता पार्क रामलीला मैदान में होगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान में मै अध्यक्ष हूं और महामंत्री मनीष ठाकुर, कोषाध्यक्ष रोहित आजाद और संस्था के चेयरमैन राजेश यादव है। ऐतिहासिक रामलीला का मंचन देखने के लिए यहां दूर-दूर से लोग आते है। इस पुण्य कार्य में समाज हमेशा सहयोग कर रहा है, इसके साथ ही संस्था के नए एवं पुराने पदाधिकारियों के सहयोग से यह निरंतर चल रही है।
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