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सजने लगा गोरखनाथ मंदिर का खिचड़ी मेला

मकर संक्रांति महापर्व को लेकर गोरखनाथ मंदिर में लगने वाला परंपरागत खिचड़ी मेला सजने लगा है। दुकानदारों के पहुंचने का सिलसिला शुरू है। मेला परिसर में ब्रेक डांस, ज्वाइंट व्हील, टोराटोरा और ड्रेगन झूले आदि के बिखरे हिस्से इसकी गवाही दे रहे हैं। गोरखनाथ मंदिर परिसर में लगने वाला खिचड़ी मेला 14 या 15 जनवरी से 31 जनवरी तक निर्बाध रूप से लगता है। मेला प्रबंधन के अनुसार 40 प्रतिशत दुकानदारों ने अपने लिए स्थान आवंटित करा लिया है। प्रतिदिन चार से छह दुकानदार इसके लिए आ रहे हैं। मेला प्रबंधक शिवशंकर उपाध्याय ने बताया कि मेले में पुराने दुकानदारों को प्राथमिकता दी जा रही है। ऐसा हर वर्ष होता है। उनके न आने पर ही नये दुकानदारों को दुकान लगाने का अवसर मिलेगा। पुराने दुकानदारों को स्थान आवंटन के लिए पांच जनवरी तक का समय दिया है। निर्धारित तिथि तक उनके नहीं पहुंचन पर ही उनके स्थान पर दूसरे दुकानदार को मौका मिलेगा। यह अबंटन पांच से सात जनवरी होगा। 20 दिसंबर के बाद बढ़ेगी पुराने दुकानदारों की आवक मेला प्रबंधक के मुताबिक 20 दिसंबर को डालीगंज लखनऊ और अंबेडकर नगर का मेला संपन्न होगा। इसके बाद ही पुराने और बड़े दुकानदार बड़ी संख्या में आने लगेंगे। उन्हें स्थान आवंटित करने के बाद यदि जगह बचेगी तभी नये दुकानदारों को अवसर मिलेगा। इन्हें मंदिर परिसर में पहली बार दुकान लगाने का मौका मिलेगा। अंग्रेजी नववर्ष के पहले दिन से बढ़ेगी रौनक गोरखनाथ खिचड़ी मेले का आयोजन मकर संक्रांति के मौके पर होता है। यह मेला 14 या 15 जनवरी से 31 जनवरी तक मानी जाती है, लेकिन इसकी रौनक अंग्रेजी नववर्ष के पहले दिन से ही दिखने लगती है। नया वर्ष मनाने के लिए बड़ी संख्या में लोग मेले में आते हैं। मेले में आने वाले ज्यादातर दुकानदार महाशिवरात्रि के बाद ही प्रस्थान करते हैं।
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