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अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट में 10 फरवरी को सुनवाई

नई दिल्ली, 09 फरवरी (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट अडाणी समूह के बारे में हिंडनबर्ग रिपोर्ट के मसले पर 10 फरवरी को सुनवाई करेगा। वकील विशाल तिवारी ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने जल्द सुनवाई की मांग की थी। जिसके बाद कोर्ट ने 10 फरवरी को सुनवाई करने का आदेश दिया। हिंडनबर्ग रिपोर्ट और अडाणी मामले पर दो याचिकाएं दायर की गई हैं। एक याचिका वकील विशाल तिवारी ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि भारत की संप्रभुता के लिए यह आवश्यक है कि इसकी जांच की जाए। याचिका में बड़े कॉरपोरेट घरानों को दिए जाने वाले लोन को स्वीकृति देने के लिए बनाई गई नीति की देखरेख के लिए एक विशेष कमेटी गठित किए जाने की मांग की गई है। दूसरी याचिका वकील मनोहर लाल शर्मा ने दायर की है। याचिका में हिंडनबर्ग रिसर्च के संस्थापक नाथन एंडरसन और भारत में उनके सहयोगियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच की मांग की गई है। मनोहर लाल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर निर्दोष निवेशकों का शोषण और उनके साथ धोखाधड़ी करने के लिए शार्ट सेलर के खिलाफ भी जांच की मांग की है। शर्मा की याचिका में शार्ट सेलर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करते हुए निवेशकों को मुआवजा दिए जाने की मांग की गई है। शर्मा ने याचिका में हिंडनबर्ग के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 और 120बी और सेबी के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है। याचिका में हिंडनबर्ग की भूमिका की जांच किए जाने की मांग की गई है। याचिका में यह सवाल भी पूछा गया है कि क्या यह सेबी की जिम्मेदारी नहीं थी कि वो शॉर्ट सेलिंग पर रोक लगाए। याचिका में कहा गया है कि रिसर्च रिपोर्ट के बाद अडाणी के शेयर्स की शॉर्ट सेलिंग हुई। इसकी वजह से शेयर मार्केट में भारी गिरावट हुई।
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