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साधारण से दिखने वाले नाना के असाधारण अभिनय ने छोड़ी हिन्दी सिनेमा पर अमिट छाप

फिल्म जगत में अपनी एक अलग और खास पहचान बनाने वाले फिल्म अभिनेता नाना पाटेकर का जन्म एक जनवरी 1951 को महाराष्ट्र के कोलाबा में हुआ। उनका असली नाम विश्वनाथ पाटेकर है। एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले नाना पाटेकर ने अपने कॉलेज के दिनों में अपने परिवार की आर्थिक मदद करने के लिए पढ़ाई के साथ-साथ एक विज्ञापन एजेंसी के लिए काम भी करने लगे। दिन में वह कॉलेज जाते और शाम को विज्ञापन एजेंसी के लिए काम करते। काम के दौरान नाना की मुलाकात एक दिन नीलकांति से हुई जो आगे चलकर उनकी पत्नी बनीं। नीलकांति उस वक्त बैंक में काम करती थीं। हालांकि उनकी रुचि थिएटर में भी थी और उन्होंने स्टेज पर परफॉर्मेंस भी किया था। दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं और साल 1978 में नाना और नीलकांति ने शादी कर ली। नाना पाटेकर ने 1978 में फिल्म गमन से डेब्यू किया। इसके अलावा वह मराठी सिनेमा में छोटे-छोटे रोल करते रहे। साधारण से दिखने वाले नाना ने अपने असाधारण अभिनय से हर किसी का ध्यान आकर्षित किया। मीरा नायर की फिल्म सलाम बॉम्बे में नाना के अभिनय को सभी ने सराहा। हिंदी सिनेमा में नाना पाटेकर की पहचान फिल्म परिंदा से बनी। यह फिल्म नाना पाटेकर के करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुई और इसके लिए उन्होंने सर्वश्रेष्ठ सह अभिनेता का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता। नाना पाटेकर की मुख्य फिल्मों में तिरंगा, क्रांतिवीर, खामोशी, यशवंत, कोहराम, अब तक छप्पन, अपहरण, टैक्सी न. 9211, वेलकम , राजनीति आदि शामिल हैं। साल 2013 में नाना पाटेकर को अभिनय जगत में उनके योगदान के लिए पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
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