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एचएएल अब अपने दम पर बनाएगा सबसे हल्का लड़ाकू विमान तेजस मार्क-2

नई दिल्ली, 20 अक्टूबर (हि.स.)। दुनिया के सबसे हल्के लड़ाकू विमानों में शुमार लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस (एलसीए मार्क-2) का उत्पादन अब हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) अपने दम पर शुरू करेगा क्योंकि उच्च लागत के कारण सभी निजी पार्टियां पीछे हट गई हैं। इससे इस स्वदेशी एयरक्राफ्ट के 2023 तक पहली उड़ान भरने और 2024 तक 3 प्रोटोटाइप डिलीवरी किये जाने की बनाई गई योजना में देरी होने की संभावना बढ़ गई है। निजी क्षेत्र के पीछे हटने के बाद अब एचएएल एक कंसोर्टियम बनाकर इस योजना को पूरी करेगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति ने 31 अगस्त को एलसीए तेजस एमके-2 की बहुप्रतीक्षित परियोजना को मंजूरी दी थी। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को एलसीए मार्क-2 का उत्पादन शुरू करने के लिए अधिकृत किया गया है। एचएएल को शुरुआती दौर में कई जिग्स, फिक्स्चर और अन्य उत्पादन सहायक सामग्री का निर्माण करना था। सरकार भी इसके उत्पादन में तेजी लाने के लिए निजी कंपनियों के साथ व्यावसायिक साझेदारी चाहती थी, लेकिन उच्च लागत के कारण कोई भी आगे नहीं बढ़ा। नतीजतन, एचएएल को अब अपना स्वयं का कंसोर्टियम संगठित करके निर्माण प्रक्रिया शुरू करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

एचएएल के अनुसार एलसीए मार्क-2 की पहली उड़ान 2023 के लिए योजनाबद्ध की गई थी और पहले तीन प्रोटोटाइप 2024 तक वितरित किए जाने थे। वर्ष 2027 तक व्यापक उड़ान परीक्षणों के बाद 2028-29 से इस स्वदेशी एयरक्राफ्ट का उत्पादन शुरू करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन अब इसमें देरी हो सकती है। एलसीए मार्क-2 के परियोजना निदेशक डॉ. वी मधुसूदन राव ने भी कार्यक्रम में देरी की पुष्टि करते हुए कहा कि अब 2024 में ही एलसीए मार्क-2 की पहली उड़ान हो सकेगी। पहले बनाई गई योजना के मुताबिक इस एयरक्राफ्ट में 75% स्वदेशी सामग्री लगाई जानी थी, लेकिन अब देरी के कारण 82% होगी। फाइनल उत्पादन शुरू होने तक इसमें करीब 90% स्वदेशी सामग्री लगाये जाने की योजना है।

उन्होंने बताया कि 2028-29 के अंत में पहले विमान का उत्पादन होगा जिसमें काफी बदलाव होंगे। शुरू में चार विमान सिर्फ उड़ान और विकासात्मक परीक्षणों के लिए विकसित किये जाएंगे। एलसीए तेजस मार्क-2 भारतीय वायु सेना में मध्यम मल्टीरोल लड़ाकू विमानों की कमी पूरी करेगा और यह पहले से ही सेवा में मिराज-2000 की जगह लेगा। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा है कि भारतीय वायुसेना एलसीए तेजस मार्क-2 की छह स्क्वाड्रन बनाएगी। प्रति स्क्वाड्रन में 18 विमानों के हिसाब से वायु सेना को 108 जेट की जरूरत है। भविष्य में स्थिति के आधार पर यह संख्या और बढ़ सकती है।

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