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प्राचीन जैन-बौद्ध तीर्थस्थली पावानगर का होगा कायाकल्प

62.33 लाख खर्च कर पर्यटन को दिया जाएगा बढ़ावा

 कुशीनगर के प्राचीन पावानगर (फाजिलनगर) में प्रवेश करते ही पर्यटकों को तीर्थांकर जैन व बौद्ध तीर्थ स्थल पर होने की अनुभूति हो उठे इसके लिए नगर पंचायत ने अनूठी योजना तैयार की है। जिलाधिकारी रमेश रंजन की पहल पर बनी 62.33 लाख की इस योजना में मुख्य बाजार को बौद्ध व जैन वास्तु के अनुरूप विकसित किया जाएगा। इस मार्ग से होकर पर्यटक महत्वपूर्ण प्राचीन स्थलों को जाते हैं।

योजना के तहत बघौचघाट मोड़ से बाजार और मुख्यद्वार का कायाकल्प किया जाएगा। दुकानों का रंग , पेंटिंग, डिजाइन एक समान होगी। दीवारों पर जैन व बौद्ध प्रसंगों व उपदेशों की पेंटिंग की जायेगी। एंटीक लाइट, औषधीय व शोभाकार पौधे, लैंडस्केपिंग, पार्किंग एरिया, प्रसाधन आदि से सुसज्जित किया जागेगा। 24 घण्टे सफाई व कूड़ा कचरा निस्तारण के साथ साथ पूरे मार्ग की सीसीटीवी से निगरानी की जायेगी।

वास्तुकार नीरज कुमार वर्मा ने योजना की डिजाइन तैयार कर नगर पंचायत अध्यक्ष शत्रुमर्दन शाही को प्रस्तुत किया था। बोर्ड की सहमति पश्चात ईओ रामबदन यादव ने योजना जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया है।

जैन महावीर को मिला था मोक्ष

पावानगर वह स्थान है जहां 24वें जैन तीर्थंकर भगवान महावीर को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। गौतम बुद्ध ने यहां के निवासी चुंद के वहां अंतिम भोजन किया था। यहां बौद्धकालीन पुरावशेष बिखरे पड़े हैं। उत्खनन में उस दौर के सिक्के प्राप्त हुए। जैन समुदाय का षटकोणीय जल मंदिर यहां स्थित है। बड़ी संख्या में देश विदेश के जैन व बौद्ध अनुआइयों का तांता लगा रहता है।


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