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प्रधानमंत्री बुधवार को देवास जिले की रूबीना बी से वर्चुअली करेंगे संवाद

जिले में "विकसित भारत संकल्प यात्रा" अंतर्गत बुधवार, 27 दिसम्बर को ग्राम पंचायत जामगोद में आयोजित शिविर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जागरूक आजीविका स्व सहायता समूह की रूबीना बी पत्नी अयूब खां से वर्चुअली संवाद करेंगे। यह जानकारी मंगलवार को देवास कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने दी।
उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत जामगोद में "विकसित भारत संकल्प यात्रा" अंतर्गत बुधवार सुबह 10 बजे दोपहर 02 बजे तक शिविर आयोजित किया जायेगा। उन्होंने ग्राम पंचायत जामगोद में कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण कर तैयारियों का जायजा लिया और तैयारियों के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
जागरूक स्व सहायता समूह की रूबीना बी ने बताया कि मेरे लिए बड़े ही सौभाग्य की बात है कि हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मुझसे संवाद करेंगे। यह संवाद मेरे जीवन का सबसे बड़ा यादगार लम्हा होगा। यह सब आजीविका मिशन अंतर्गत संचालित स्व सहायता समूह से जुड़ने के बाद ही संभव हो पाया है। मैं बहुत ही उत्साहित हूं। प्रधानमंत्री मोदी से संवाद के बाद आज पूरे भारत में मेरी एक पहचान बनेगी। इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का हृदय से आभार व्यक्त करती हूं।

समूह से जुड़ने के पूर्व की आर्थिक स्थिति
देवास के ग्राम गुर्जर बापच्या की रहने वाली रूबीना बी ने बताया कि समूह से जुड़ने के पूर्व हमारी आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। वे बताती हैं कि समूह से जुड़ने पहले वे खेतों में मजदूरी करती थी जिससे उनका गुजारा नहीं हो पाता था। उनकी दो बेटियां हैं, गरीबी के कारण में उनको अच्छे स्कूल में नहीं पढ़ पाई। हमारे गंव में हमें पर्दे में भी रहना पड़ता था। परिवार की परंपरा अनुसार घर से निकलने में भी अक्सर डर सा लगा रहता था। लेकिन वर्ष 2017 में वे आजीविका मिशन के स्व-सहायता समूह से जुड़ी। समूह से जुड़ने के पश्चात उन्हें समूह के अधिकारियों ने उन्हें आगे बढ़ने का हौसला प्रदान किया।

समूह से जुड़ने के बाद की स्थिति
रूबीना बी ने बताया कि समूह से सर्वप्रथम उन्होंने पांच हजार का लोन लिया और फेरी लगाकर कपड़े बचने कार्य प्रारम्भ किया। कपड़े बचने के कार्य से आय बढ़ने लगी जिससे समूह एवं बैंक से लोन मारूती वेन खरीदी, जिससे गांव-गांव जाकर कपड़े एवं कटलरी का समान बेचने लगी। इस काम से आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ। वे बताती हैं कि उन्होंने बैंक से व्यक्तिगत लोन लेकर टवेरा गाड़ी खरीदी। जिससे उनके बेटे को रोजगार मिला, मारूती एवं टवेरा से जो फायदा हुआ जिससे रेडिमेंट कपड़े की दुकान देवास में खोल ली। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ। आज वे 20 से 25 हजार रुपये तक की आय अर्जित कर रही है। वे बताती हैं कि उनके पति बकरी पालन कार्य, बेटा टवेरा एवं वेन संचालन करता है और वे कपड़े की दुकान का संचालन करती हूं और आजीविका मिशन में सीआरपी के रूप में कार्य कर रही हूं।

शासन की योजनाओ का लाभ
रूबीना बी बताती हैं कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा चलाई जा रही योजनाओं में एन.आर.एल.एम. से आरएफ, सीआई एवं क्रेडिट लिंकेज का लाभ, शौचालय, आयुष्मान कार्ड, जीवन ज्योति सुरक्षा, जीवन सुरक्षा बीमा, राशन कार्ड, प्रधानमंत्री आवास प्लस का लाभ जिला प्रशासन एवं जिला पंचायत के सहयोग से मिला हैं।

अनपढ़ होने के बाद भी स्व सहायता समूह ने उन्हें दी ऊंचाई
रूबीना बी ने बताया कि वह अनपढ़ हैं। स्व-सहायता समूह से जुड़ कर विभिन्न प्रशिक्षणों एवं अधिकारियों के प्रोत्साहन से स्वयं पढ़ना सीख लिया है। डिजिटल इण्डिया के तहत उन्होंने टच वाला मोबाइल उपयोग करती है एवं अपने सारे लेन-देन मोबाइल से ही करती है। वे खुश होकर बताती हैं कि यह सब स्व सहायता समूह से जुड़ने के बाद ही संभव हो पाया है। वे बताती है कि स्व सहायता समूह ने उन्हें बहुत ऊंचाई प्रदान की है।

ग्राम विकास में भूमिका
रूबीना बी ने बताया कि अपने गांव गुर्जर बाप्च्या के सभी 188 गरीब परिवारों के समूह में जुड़वा कर अलग-अलग आजीविका गतिविधियों के माध्यम से पंचायत तथा शासन की योजनाओं के सहयोग से गरीबी से उपर उठने में सफल हुए हैं तथा गांव को समृद्ध गांव की दिशा में आगे बढ़ा रहे हैं। सभी महिलाओं के बीमा हैं, आयुष्मान कार्ड, आवास योजना, राशन कार्ड एवं शौचालय का लाभ मिला हैं।

एनआरएलएम के माध्यम से अन्य प्रयास
रूबीना बी ने बताया कि ‘‘कोरोना काल में पीपीई कीट, मास्क एवं सेनेटाईजर का निर्माण किया। अपने गांव एवं आस-पास के सभी गांवों में भारत सरकार के कोरोना से बचाव एवं सुरक्षा के लिए जागरूकता संदेश पहुंचाया। कोरोना वैक्सीनेशन जागरूकता फैलाना एवं अपने एवं आस पास के गांवो में टीकाकरण करवाना। ग्राम सभा में भागीदारी करना एवं पंचायत के सहायोग स्व-सहायता समूह की महिलाओं को शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित कर रही है। वे बताती हैं कि भारत सरकार की संयुक्त सचिव एवं वर्ल्ड बैंक की टीम के द्वारा उन्हें गांव गुर्जर बापच्या में भ्रमण किया गया।

प्रशिक्षण लेकर और बनी आत्मनिर्भर
रूबीना बी ने बताया कि आजीविका मिशन में सीआर पी के रूप में कार्य कर रही है। उनके द्वारा विकासखण्ड, जिला स्तर पर प्रशिक्षण लिया एवं अच्छा कार्य करने के कारण उन्हें आंध्रप्रदेश राज्य में भी आजीविका मिशन द्वारा 15 दिवस प्रशिक्षण के लिए पहुंचाया गया। जिले में पोषण आहार कंपनी प्रारंभ होने के पूर्व उन्हें और जिले की 10 महिलाओं को एमपी एग्रो -मण्डीदीप भोपाल में भ्रमण करवाया गया। उन्होंने देखा किस तरह से पोषण आहार तैयार किया जाता है, वहां से लौटने के बाद ग्राम संगठन की बैठक कर पोषण आहार के बारे में सभी महिलाओं को बताया। साथ ही उन्होंने यह भी बताया की देवास जिले में भी पोषण आहार कंपनी की स्थापना की जाना है। इसके लिए ग्राम संगठन का जिला सहकारी समिति में पंजीयन किया जाना आवश्यक है।

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