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नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 10 वर्ष का कारावास

न्यायालय ने गुरूवार को नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उस पर अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड न देने पर उसे अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।थाना मक्खनपुर क्षेत्र निवासी एक 13 वर्षीय बालिका गांव में ही एक घर में चूड़ी की सिट लगाती थी। मामला 2017 का है। एक दिन काम करने के बाद घर वापस नहीं आई। उसके घर ना आने से परिवार के लोग चिंतित हो गए। उन्होंने उसकी काफी तलाश की। पता चला कि उसे विमल कुमार पुत्र रामसेवक बहला-फुसलाकर भगा ले गया है। घटना की थाने में तहरीर दी गई। पुलिस ने तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने बालिका को बरामद कर आरोपी को जेल भेज दिया। पुलिस ने विवेचना के बाद 14 नवंबर 2017 को न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। मुकदमा फास्ट ट्रेक कोर्ट में पहुंचा। न्यायालय ने 29 सितंबर 2018 को विमल के विरुद्ध बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की धारा 6 का आरोप विरचित किया। मामला 3 सितंबर 2019 को विशेष न्यायाधीश पाक्सो की अदालत में स्थानांतरित हो गया। मुकदमा पर अपर सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश पाक्सो कोर्ट संख्या-01 अवधेश कुमार सिंह की अदालत में चला। अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक अवधेश भारद्वाज ने बताया मुकदमे के दौरान कई गवाह ने गवाही दी। कई साक्षी न्यायालय में प्रस्तुत किए गए। गवाहों की गवाही तथा साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने विमल को दोषी माना। न्यायालय ने विमल को 10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने दोषी पर 16000 रुपये का अर्थदंड लगाया गया है। अर्थदंड न देने पर उसे 04 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।

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