स्पोर्ट्स फंड को लेकर हरियाणा सरकार की नीतियों के विरोध में फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन हाईकोर्ट की शरण में चली गई है। फेडरेशन के अध्यक्ष डॉ. कुलभूषण शर्मा का कहना है कि हरियाणा सरकार नियमों के खिलाफ निजी स्कूलों से स्पोर्ट्स फंड ले रही है। जो कि सरासर गलत है। इस संबंध में कई पत्राचार सरकार से किए गए। जब राहत नहीं मिली तब हमने कोर्ट की शरण लेने का फैसला किया है।
नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स अलायंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. कुलभूषण शर्मा ने बताया कि नियमों के अनुसार सरकार कक्षा 1 से 8 तक का स्पोर्ट्स फंड माफ किए हुए है। वहीं पत्रांक संख्या 19/4/2011 और 18/4/2011 के अनुसार कक्षा 9 से 12वीं तक स्पोर्ट्स फंड लेने का प्रावधान तय किया गया है।
इस क्रम में स्पोर्ट्स फंड जमा करने का तय किया गया नियम
कक्षा-9 प्रत्येक वर्ग के प्रति विद्यार्थी 25 रुपया
कक्षा-10 प्रत्येक वर्ग के प्रति विद्यार्थी 25 रुपया
कक्षा- 11 आर्ट्स के प्रति विद्यार्थी से 50 रुपया
कॉमर्स के प्रति विद्यार्थी से 60 रुपया
साइंस के प्रति विद्यार्थी से 75 रुपया
कक्षा-12 आर्ट्स के प्रति विद्यार्थी से 50 रुपया
कॉमर्स के प्रति विद्यार्थी से 60 रुपया
साइंस के प्रति विद्यार्थी से 75 रुपया
नियमों के अनुसार इस रकम में 5 प्रतिशत सरकार को देना होगा और बाकी के 95 प्रतिशत स्कूलों को डेवलपमेंट और अन्य मदों में खर्च करना होगा। निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि सरकार स्पोर्ट्स फंड के नाम पर नियमों के खिलाफ जा कर तय रकम से ज्यादा रकम ले रही है जो कि सरासर गलत है। जैसे कि कक्षा-9 और 10 के विद्यार्थियों से बजाए 25 रुपए के 30 रुपए लिए जा रहे हैं। इसके अलावा 11 वहीं में आर्ट्स के विद्यार्थियों से 60 रुपये और कॉमर्स के विद्यार्थियों से 72 और साइंस के विद्यार्थियों से 90 रुपए लिए जा रहे हैं।
इस मामले में डॉ. कुलभूषण शर्मा का कहना है कि इस मुद्दे पर सरकार को कई पत्र •ोजे गए हैं। पर समस्या के समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। स्पोटर्स फंड की मनमानी के शिकार प्रदेश के सैंकड़ों स्कूल संचालक हो रहे हैं। हालात यह है कि अन्य कोई समाधान न मिलने के कारण हम इस नियम के खिलाफ राहत के लिए हाईकोर्ट की शरण में गए हैं।
कोट्स
फेडरेशन स्पोर्टस को बढ़ावा देना चाहती है। हमारा मानना है कि शिक्षा के संग खेल भी बहुत आवश्यक है। खेल किसी कीमत पर रुकने नहीं चाहिए। पर सरकार स्पोर्ट्स फंड ले रही है वह नियमों के खिलाफ है। इसे वापस लिया जाना चाहिए और निजी स्कूल संचालकों से लिए गए पैसों को वापस किया जाना चाहिए। जब हमें राहत नहीं मिली तो मजबूरन हम इस मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट की शरण में गए हैं।
कुलभूषण शर्मा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स अलायंस और अध्यक्ष फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन हरियाणा