Logo
Header
img

बांकुड़ा से कोलकाता पहुंचे अभिषेक बनर्जी, सीबीआई दफ्तर जाने की तैयारी

कोलकाता, 20 मई (हि.स.)। राज्य के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के नोटिस के बाद अभिषेक बनर्जी बांकुड़ा में पदयात्रा रोककर कोलकाता पहुंच गए । शुक्रवार रात को ही वह बांकुड़ा से सड़क मार्ग से कोलकाता के लिए रवाना हुए और देररात यहां पहुंचे हैं। सुबह से उनके घर के बाहर गहमागहमी है। आज सुबह 11:00 बजे सीबीआई ने उन्हें पूछताछ के लिए निजाम पैलेस स्थित दफ्तर में हाजिर होने को कहा है। कई नेताओं ने सुबह उनसे मुलाकात शुरू कर दी है। अभिषेक बनर्जी ने कहा है कि वह जांच में हर तरह से सहयोग करेंगे। फिलहाल पंचायत चुनाव से पहले वह राज्य के प्रत्येक जिले में पदयात्रा कर रहे हैं। दो महीने तक चलने वाली इस पदयात्रा के 24 दिन गुजर चुके हैं। शुक्रवार को बांकुड़ा के पात्रसायर में उनकी एक जनसभा होनी थी लेकिन उसके पहले सीबीआई का नोटिस मिलने के बाद उन्होंने जनसभा रोक दी और कोलकाता रवाना हुए। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनकी जगह वर्चुअल जनसभा को संबोधित किया और कहा कि भारतीय जनता पार्टी अभिषेक से डर गई है। इसलिए उनकी जनसंपर्क यात्रा को रोकने की कोशिश हो रही है। उल्लेखनीय है कि 29 मार्च को कोलकाता के शहीद मैदान मैदान में जनसभा के दौरान अभिषेक बनर्जी ने दावा किया था कि सारदा चिटफंड मामले में गिरफ्तार किए गए तृणमूल नेता मदन मित्रा और कुणाल घोष पर उनका नाम (अभिषेक बनर्जी) लेने के लिए दबाव बनाया गया था। इसके बाद शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस के निष्कासित नेता कुंतल घोष को अगले ही दिन कोर्ट में पेश किया गया तो उसने भी तरह का दावा किया। उसने कहा कि सीबीआई और ईडी के अधिकारी उस पर लगातार अभिषेक का नाम लेने के लिए दबाव बना रहे हैं। यहां तक कि उसने कोलकाता के हेस्टिंग्स थाने और डिस्ट्रिक्ट जज को पत्र लिखकर इस मामले की जांच की मांग की। इसी मामले को लेकर केंद्रीय एजेंसियों ने कोर्ट का रुख किया था और दावा किया था कि जांच बहुत अच्छी चल रही है। एजेंसी सारे प्रोटोकॉल को मानकर चलती है लेकिन राजनीतिक दबाव बनाने के लिए इस तरह की बयानबाजी हो रही है। भाजपा ने आरोप लगाया था कि जेल सुपर ने कुंतल को इस तरह का बयान देने के लिए सिखाया था। इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में अभिषेक और कुंतल दोनों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करने को कहा था। इसे रोकने के लिए तृणमूल कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट से लेकर वापस हाई कोर्ट पहुंची लेकिन न्यायाधीश अभिजीत गांगुली की एकल पीठ से मामला जस्टिस अमृता सिन्हा की एकल पीठ में पहुंचने के बावजूद दोनों से आमने-सामने पूछताछ का आदेश बरकरार रहा।
Top