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गुजरात सरकार ने अडानी समूह को पहुंचाया लाभ : कांग्रेस

कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि गुजरात सरकार ने वर्षों तक अडानी समूह को लाभ पहुंचाया है। इस मामले की जांच होनी चाहिए।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और गुजरात प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल ने शनिवार को पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि गुजरात सरकार ने अडानी पावर मुंद्रा लिमिटेड के साथ एक पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीए) साइन किया। इसमें एक शर्त थी कि इंडोनेशिया से जो भी कोयला आएगा, उसके तय मूल्य के आधार पर एनर्जी चार्जेज अडानी पावर मुंद्रा लिमिटेड को दिए जाएंगे। पीपीए में लिखा गया कि अडानी जो भी कोयला खरीदेंगे, उसकी कॉम्पटिटिव बिड और बिल के कागजात सरकार को देंगे, जिनकी तुलना सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मूल्य तय करने वाले सर्किट से करेगी। इसके बावजूद अडानी पावर मुंद्रा लिमिटेड ने 5 साल तक कोई कागजात नहीं सौंपे और सरकार एनर्जी चार्जेज के नाम पर करोड़ों रुपये देती रही।

शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि बीते दिनों गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड की ओर से अडानी पॉवर मुंद्रा लिमिटेड को एक चिट्ठी लिखकर 3,900 करोड़ रुपये अडानी समूह से वापस मांगे हैं। सिंह ने कहा कि कोयला खरीद और बेचने को लेकर गुजरात सरकार ने 5 साल में अडानी समूह को 13,802 करोड़ की राशि दी है, जबकि गुजरात सरकार को केवल 9,902 करोड़ देने थे। अब गुजरात सरकार ने अडानी समूह को पत्र लिखकर आग्रह किया गया कि वह सरकार को 3,900 करोड़ रुपये वापस करे।

सिंह ने आरोप लगाया है कि ये पैसे पांच साल में जान बूझकर अडानी समूह को दिए गए। इसकी जांच होनी चाहिए।

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