राजस्थान में अच्छी बारिश का दौर एक बार फिर थम गया है। इस कारण अब तापमान में मामूली बढ़ोतरी शुरू हो गई। बारिश कम होने से किसानों की भी परेशानी बढ़ गई है। हनुमानगढ़ में कम बारिश के कारण खरीफ की फसलें जलनी शुरू हो गई हैं। ऐसे में आशंका है कि इस बार कुछ जिलों में फसलों को पानी नहीं मिलने से नुकसान हो सकता है। मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश में अगले 7-8 दिन भी बारिश होने की उम्मीद कम है।
गुजरे 24 घंटे में प्रदेश के बांसवाड़ा-डूंगरपुर क्षेत्र को छोड़कर अधिकांश जगह मौसम साफ रहा। बांसवाड़ा के कुशलगढ़, बागीडोरा, सलोपत, सज्जनगढ़ क्षेत्रों में नौ मिमी तक बारिश हुई। जयपुर मौसम केन्द्र के मुताबिक प्रदेश में फिलहाल कोई नया सिस्टम सक्रिय नहीं है। बारिश नहीं होने से जयपुर, बाड़मेर, फलौदी, धौलपुर, अलवर, अजमेर, टोंक समेत कई शहरों में तापमान 1 से लेकर 1.5 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया है। कल दिन का सबसे अधिक तापमान गंगानगर जिले में 37.3 डिग्री सेल्सियस मापा गया। इसी तरह हनुमानगढ़, चूरू, फलौदी, जैसलमेर, कोटा और पिलानी में भी दिन का अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहा। मौसम विभाग का अनुमान है कि आने वाले दिनों में दिन का तापमान एक से दो डिग्री सेल्सियस और बढ़ सकता है।
हनुमानगढ़, झुंझुनूं, चूरू, बीकानेर, बाड़मेर के कुछ इलाकों में लंबे समय से बारिश नहीं होने के कारण यहां खरीफ की फसलों के खराब होने की प्रक्रिया शुरू हो गई। हनुमानगढ़ के नोहर, भादरा, संगरिया में खेतों में खड़ी फसल जलकर सूखने लगी है। इन इलाकों में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध नहीं होने के कारण फसलें खराब हो रही है। यही स्थिति पश्चिमी राजस्थान के अन्य जिलों में कई स्थानों पर है। जहां पिछले कुछ समय से बारिश की एक बूंद नहीं गिरी। वहां अब फसलों के खराब होने की स्थिति बन गई है। राजस्थान में मानसून के दौरान अब तक सामान्य से 18 फीसदी ज्यादा पानी बरस चुका है। राज्य में मानसून के सीजन में एक जून से 26 अगस्त तक औसत बारिश 353.7 मिमी होती है, लेकिन इस सीजन अब तक 415.7 मिमी बारिश हो चुकी है। पश्चिमी राजस्थान के 10 जिलों में से चूरू और हनुमानगढ़ ऐसे हैं, जहां सामान्य से कम बारिश हुई है। वहीं, पूर्वी राजस्थान के 23 जिलों में से अधिकांश जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है।
मौसम केंद्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि आगामी एक सप्ताह तक मौसम शुष्क ही रहेगा। फिलहाल ऐसा कोई सिस्टम नहीं बन रहा है, जिससे बारिश हो। इस महीने में कम बरसात का पूर्वानुमान महीना शुरू होने पर ही कर दिया था। प्रशांत महासागर में अल-नीनो की स्थितियां बनी हुई हैं। धीरे-धीरे यह प्रभाव और मजबूत हो रहा है। अल-नीनो का प्रभाव देशभर के मानसून पर पड़ रहा है। राजस्थान के साथ-साथ गुजरात, महाराष्ट्र के कुछ हिस्से व दक्षिण भारतीय राज्यों में सामान्य से कम बरसात हो रही है। मानसून की ट्रफ लाइन इस महीने सामान्य से उत्तर (हिमायल की ओर) शिफ्ट हुई है। जिसके कारण हिमालय रीजन में सामान्य से अधिक बरसात हो रही है। वहीं राजस्थान समेत मध्य व पश्चिम भारत के राज्यों में बिल्कुल भी बारिश नहीं है। मानसून सीजन की शुरुआत जुलाई महीने में ही बांध ओवरफ्लो हो गए थे। कुछ बांधों के गेट भी खोले गए। अब बांधों का जलस्तर लगातार घट रहा है। बीसलपुर बांध में 9 दिन में 9 सेंटीमीटर पानी कम हुआ है।