Logo
Header
img

हिसार: प्रदर्शन करके गरजे रोडवेज कर्मचारी, सरकार पर जड़े संवेदनहीनता के आरोप

सहमत मांगों को लागू नहीं किया तो किसी भी समय बड़े आंदोलन को मजबूर होंगे कर्मचारी सरकार द्वारा सहमत हुई मांगों को लागू न किए जाने कि रोषस्वरूप तथा अन्य मांगों व समस्याओं का हल करवाने की मांग पर रोडवेज सांझा मोर्चा के आह्वान पर कर्मचारियों ने प्रदर्शन करके नारेबाजी की। कर्मचारियों ने सरकार एवं विभाग के उच्चाधिकारियों पर संवेदनहीनता बरतने का आरोप लगाया और कहा कि वे कर्मचारियों को आंदोलन के लिए बाध्य कर रहे हैं। हिसार डिपो में गुरुवार को हुए प्रदर्शन की संयुक्त अध्यक्षता सांझा मोर्चा से जुड़ी यूनियनों के डिपो प्रधान राजबीर दुहन, अजय दुहन, राजकुमार चौहान, नरेन्द्र खरड़, पवन बूरा, अमित जुगलान, नरेन्द्र सोनी व सुरेश स्याहड़वा ने की जबकि सुभाष ढिल्लो ने मंच संचालन किया। कर्मचारियों को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि 23 जून को परिवहन मंत्री के साथ हुई सांझा मोर्चा की बातचीत में अनेक मांगों पर सहमति बनी थी, लेकिन इनमें से कोई मांग अभी तक पूरी नहीं हुई है। पहले कर्मचारियों को मांगे मनवाने के लिए आंदोलन करना पड़ता है तो बाद में मानी गई मांगे लागू करवाने के लिए आंदोलन का सहारा लेना पड़ता है।

प्रदर्शन से पूर्व कर्मचारियों को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने परिचालकों का पे ग्रेड बढ़ाने, चालकों को हैवी ग्रेड देने, सांख्यिकी सहायक, सहायक लेखाकार का प्रमोशन अनुभव घटाने, 1992 से 2001 के बीच लगे कर्मचारियों को पक्का करने, 2016 में लगे चालकों को पक्का करने, जोखिम भत्ता देने, ग्रुप-डी के कर्मचारियों को कोमन कैडर से बाहर करके पदोन्नति करने, 265 प्राइवेट परमिट रद्द करने, किराया राउंड फिगर में करने व कौशल रोजगार की जगह पक्की भर्ती करने व आनलाइन हुए तबादले रद्द करने सहित अन्य मांगे रखी गई।

कर्मचारियों को मुख्य रूप से उपरोक्त के अलावा सांझा मोर्चा के वरिष्ठ नेता भागीरथ शर्मा, अरूण शर्मा, हांसी सब डिपो से मंजीत, सतीश बामल, सचिन गोयत, हिसार से रामसिंह बिश्नोई, दर्शन जांगड़ा, सुभाष दनौदा, विजेन्द्र शर्मा, हनुमान जांगड़ा, रणबीर सोरखी, सुरेश मलिक, सलीम, अनूप सातरोड, संदीप घिराय व प्रदीप डाबड़ा सहित अन्य पदाधिकारियों ने विचार रखे।


Top