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भारत उभरती तकनीकों को अपनाने में अग्रणी देश : अमित शाह

 केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि भारत जमीनी स्तर पर उभरती तकनीकों को अपनाने में अग्रणी देश है।


शाह ने गुरुवार को ''नॉन-फंजिबल टोकन (एनएफटी), एआई और मेटावर्स के युग में अपराध और सुरक्षा'' पहलुओं पर आयोजित जी-20 सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा उद्देश्य समाज के सभी वर्गों के लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी को अधिक सुलभ और किफायती बनाना है। आज 840 मिलियन भारतीयों की ऑनलाइन मौजूदगी है, और 2025 तक और 400 मिलियन भारतीय डिजिटल दुनिया में प्रवेश करेंगे।


उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों में इन्टरनेट कनेक्शन में 250 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और प्रति जीबी डाटा की लागत में 96 फीसदी कमी आई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत 500 मिलियन नए बैंक खाते खोले गए हैं और 330 मिलियन ‘रुपे डेबिट कार्ड’ वितरित किए गए हैं। शाह ने कहा कि भारत 2022 में 90 मिलियन लेनदेन के साथ वैश्विक डिजिटल भुगतान में अग्रणी रहा है और अब तक भारत में 35 ट्रिलियन रुपये के यूपीआई ट्रांजेक्शन हुए हैं। उन्होंने कहा कि कुल वैश्विक डिजिटल भुगतान का 46 फीसदी भारत में भुगतान हुआ है और 2017-18 से लेन-देन की मात्रा में 50 गुना बढ़ोतरी हुई है। शाह ने कहा कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रान्सफर के अंतर्गत, 52 मंत्रालयों में 300 से अधिक योजनाओं को कवर करते हुए, 300 मिलियन रुपये की राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में पहुंचाई गई है। उन्होंने कहा कि डिजीलॉकर में लगभग 06 बिलियन डाक्यूमेंट्स स्टोर्ड हैं। भारतनेट के तहत 06 लाख किलोमीटर की ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई जा चुकी है। शाह ने कहा कि एकीकृत मोबाइल एप्लिकेशन उमंग एप्प लाया गया, जिसमें 53 मिलियन रजिस्ट्रेशन्स हैं। सेवाओं की डिजिटल डिलीवरी के इनिशिएटिव्स ने एक दशक में भारत को एक ‘डिजिटल राष्ट्र’ में बदल दिया है।


शाह ने कहा कि भारत सहित पूरी दुनिया तेजी से डिजिटल हो रही है। ऐसे में इस डिजिटल दुनिया को सुरक्षित बनाना जरूरी है। इस कार्य के लिए साझा प्रयास होना चाहिए।


शाह ने कहा कि इन्टरपोल की वर्ष 2022 की ‘ग्लोबल ट्रेंड समरी रिपोर्ट’ के अनुसार रैनसमवेयर, फिशिंग, ऑनलाइन घोटाले, ऑनलाइन बाल यौन-शोषण और हैकिंग जैसे साइबर अपराध की कुछ प्रवृत्तियां विश्वभर में गंभीर खतरे की स्थिति पैदा कर रही हैं और ऐसी आशंका है कि भविष्य में ये साइबर अपराध कई गुना और बढ़ेंगे।


शाह ने कहा कि इस संदर्भ में यह सम्मेलन जी-20 प्रेसीडेंसी की एक नई और अनूठी पहल है और जी-20 में साइबर सुरक्षा पर यह पहला सम्मेलन है। उन्होंने कहा कि जी-20 ने अब तक आर्थिक दृष्टिकोण से डिजिटल परिवर्तन और डेटा फ्लो पर ध्यान केंद्रित किया है, लेकिन अब क्राइम और सिक्योरिटी आस्पेक्ट्स को समझना और समाधान निकालना बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि एनएफटी, एआई, मेटावर्स और अन्य इमर्जिंग टेक्नोलॉजी के युग में कोऑर्डिनेटेड और कोऑपरेटिव तरीके से नए और उभरते खतरों के लिए समय पर प्रतिक्रिया देकर हमें आगे रहना है।


उल्लेखनीय है कि इस कार्यक्रम में केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा, केन्द्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर और केन्द्रीय गृह सचिव सहित सहित अनेक गण्यमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इस दो दिवसीय सम्मेलन में जी-20 देशों, 9 विशेष आमंत्रित देशों, अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं, प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी लोगों, भारत और दुनियाभर के डोमेन विशेषज्ञों सहित 900 से अधिक प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।


कार्यक्रम के दौरान शाह ने देश के सात प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों के साइबर वालंटियर स्क्वाड को हरी झंडी दिखाई। यह स्क्वाड लोगों को साइबर सुरक्षा को लेकर जागरूक करेगा। कार्यक्रम के दौरान शाह ने साइबर सुरक्षा पर आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया।

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