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अमित शाह आज सतना में

भोपाल, 24 फरवरी (हि.स.)। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज (शुक्रवार) मध्य प्रदेश के सतना में माता शबरी की जयंती पर आयोजित कोल जनताति महाकुंभ के मुख्य अतिथि होंगे। इस आयोजन मैत्री पार्क, हवाई पट्टी मैदान में किया गया है। महाकुंभ की शुरुआत अपराह्न 2ः30 बजे होगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान महाकुंभ की अध्यक्षता करेंगे। यह जानकारी जनसंपर्क अधिकारी बबीता मिश्रा ने दी। जनसंर्पक अधिकारी बबीता के मुताबिक कोल जनजाति महाकुंभ में जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याणमंत्री मीना सिंह, वनमंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह, खाद्यमंत्री बिसाहूलाल सिंह, क्षेत्रीय सांसद गणेश सिंह, विधायक शरद कोल, जिला पंचायत अध्यक्ष रामखिलावन कोल और कोल विकास प्राधिकरण अध्यक्ष रामलाल रोतेल भी मौजूद रहेंगे। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय गृहमंत्री शाह एवं मुख्यमंत्री चौहान समारोह में 50 हजार 699 लाख रुपये लागत के 17 कार्यों का शिलान्यास एवं 2 हजार 565 लाख रुपये लागत के 18 कार्यों का लोकार्पण करेंगे। साथ ही केन्द्र प्रवर्तित योजना के द्वितीय चरण के तहत 550 करोड़ रुपये की लागत से तैयार 150 एमबीबीएस सीट की क्षमता वाले शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय का उद्घाटन करेंगे। उल्लेखनीय है कि कोल जनजाति मध्य प्रदेश की तीसरी सबसे बड़ी अनुसूचित जनजाति है। मध्य प्रदेश में कोल जनजाति की 10 लाख से भी ज्यादा जनसंख्या मुख्य रूप से रीवा, सतना, शहडोल, सीधी, पन्ना एवं सिंगरौली जिलों में पाई जाती है। कोल जनजाति मध्यप्रदेश के अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, असम, पश्चिम बंगाल एवं छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों में भी पाई जाती है। यह जनजाति खरवार समूह की एक प्राचीन जनजाति है। यह अपना संबंध राम भक्त शबरी माता से मानते हैं। महर्षि पाणिनी के अनुसार कोल शब्द कुल से निकला है, जो ‘समस्त’ का भाव-बोधक है। मध्य प्रदेश की जनजातीय विरासत के इस अहम हिस्से, कोल जनजाति के महत्व को सेलीब्रेट करने के लिए सतना में कोल जनजाति महाकुंभ का आयोजन किया गया है। कोल मुख्य रूप से वनोपज संग्रहण, कृषि एवं मजदूरी के माध्यम से जीविकोपार्जन करते हैं। कोल जनजाति की पंचायत को गोहिया एवं मैयारी कहते हैं। पंचायत का मुखिया गोटिया कहलाता है। पंचायत के निर्णय सभी को मान्य होते हैं। कोल जनजाति में पितृ सत्तात्मक समाज होता है। इनमें 12 गोत्र होते हैं। समगोत्रीय विवाह वर्जित होते हैं। कोल जनजाति का वर्णन रामायण, महाभारत एवं मार्कण्डेय पुराण में भी है।
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