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अंडमान निकोबार के पूर्व मुख्य सचिव को पोर्ट ब्लेयर बेंच से मिली ज़मानत बरकरार

रेप के मामले में अंडमान निकोबार के पूर्व मुख्य सचिव जितेन्द्र नारायण को राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट की पोर्ट ब्लेयर बेंच से मिली उनकी ज़मानत को बरकरार रखा है। जस्टिस विक्रमनाथ ने पीड़िता और अंडमान निकोबार प्रशासन की याचिका को खारिज करके ट्रायल कोर्ट को तेज़ी से सुनवाई करने का निर्देश दिया है।

सुनवाई के दौरान पीड़ित महिला के वकील ने कहा कि इस घटना की सीसीटीवी फुटेज भी गायब कर दी गई है। अंडमान निकोबार प्रशासन की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इसी के साथ सबूतों के साथ छेड़छाड़ के भी सबूत मिले हैं।

दरअसल, अंडमान निकोबार के पूर्व मुख्य सचिव जितेन्द्र नारायण और पूर्व श्रम आयुक्त को गैंगरेप और यौन शोषण के आरोपों पर मिली अग्रिम जमानत रद्द कराने के लिए अंडमान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की एक महिला ने आरोप लगाया है कि उसे सरकारी नौकरी का वादा करके तत्कालीन मुख्य सचिव के आवास पर ले जाया गया और फिर वहीं जितेंद्र नारायण समेत उच्च अधिकारियों ने उसके साथ रेप किया।

पीड़ित महिला ने श्रम आयुक्त आरएल ऋषि, एक पुलिस इंस्पेक्टर और एक होटल मालिक पर भी रेप का आरोप लगाया था, जिसके बाद एक एसआईटी का गठन किया गया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय के संज्ञान में आने के बाद प्रमुख सचिव को 17 अक्टूबर 2022 को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था।

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