अम्बाला, 21 अक्तूबर:- हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने आज अम्बाला छावनी में बनाए जा रहे आजादी की पहली लड़ाई का शहीद स्मारक के आर्ट वर्क से सम्बन्धित कार्यों का जायजा लेने के लिए सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों के साथ शहीद स्मारक स्थल पर मीटिंग की और निर्माणाधीन शहीद स्मारक का निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव एवं सूचना, जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डा0 अमित अग्रवाल भी मौजूद रहे।
गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि आजादी की गाथा बहुत लंबी है और इस शहीद स्मारक के द्वारा युवाओं और आने वाले पीढियों को आजादी के संग्राम और शहीदों के बारे में जानकारी मिले, इस बात को ध्यान में रखते हुए अम्बाला छावनी में शहीद स्मारक का निर्माण करवाया जा रहा है। जिससे कि युवाओं को प्रेरणा भी मिलेगी।
गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री ने प्रेंजनटेशन के माध्यम से शहीद स्मारक में किए जाने वाले आर्ट वर्क एवं एतिहासिक तथ्यों से सम्बन्धित किए जाने वाले कार्यों के बारे में जानकारी लेते हुए जरूरी दिशा-निर्देश और सुझाव भी दिए। उन्होंने कहा कि 1857 स्वतंत्रता संग्राम की क्रांति जो अम्बाला छावनी से शुरू हुई थी, उसके बारे में देश-विदेश के लोगों को जानकारी मिले, उसके लिए यह शहीद स्मारक 22 एकड़ में करोड़ों रूपये की लागत से बनाया जा रहा है। इस स्मारक में इंटरप्रीटेशन सैंटर, ओपन एयर थियेटर, म्यूजियम, ऑडिटोरियम, वाटर बॉडी एंड कनैक्टिंग ब्रिज, मेमोरियल टावर, अंडर ग्राउंड डबल बेसमैंट पार्किंग, इन्फोरमेशन सैंटर, हैलीपैड आदि का निर्माण किया जा रहा है। शहीद स्मारक कार्यों का अवलोकन करने के उपरांत गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने सम्बन्धित अधिकारियों तथा शहीद स्मारक के आर्ट वर्क को तैयार करने में अपना योगदान देने वाले डिजाईन फैक्टरी इंडिया के प्रतिनिधियों को भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होने इस दौरान सम्बन्धित को निर्देश दिए कि 26 मार्च को आगजनी से सम्बन्धित जो घटनाएं घटित हुई थी उसे वे डेट वाईज और इतिहास का अध्ययन करते हुए यहां पर इसका पूरा विवरण दर्शाएं।
उन्होंने निरीक्षण के दौरान सम्बन्धित को यह भी कहा कि आजादी की पहली लड़ाई से सम्बन्धित कारतूस को भी यहां दर्शाया जाये, क्योंकि उस समय हिन्दुस्तान में कारतुस के तीन डिपू थे जिनमें अम्बाला छावनी भी शामिल था। इस मौके पर उन्होने यह भी कहा कि 10 मई 1857 को क्रांति क्यों हुई, क्योंकि उस दिन रविवार का दिन था, सारे अंग्रेज एक चर्च में एकत्रित होने थे और परेयर के दौरान उन पर हमला बोलने की योजना थी और उसके बाद दिल्ली कूच किया जाना था लेकिन अंग्रेजों को इस क्रांति का पता चल गया और इस बारे श्याम सिंह सिपाही ने इसका जिक्र किया था। इस बात बारे उस समय के यहां के अंग्रेज डिप्टी कमीशनर की चिटठी मिली है जिसमें उन्होंने 9 तारीख का जिक्र किया है कि क्रांति शुरू हो चुकी है और होने जा रही है। इस मौके पर गृहमंत्री ने बागवानी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिस भव्य तरीके से आर्ट एंड कल्चर का कार्य यहां पर होगा, उसी तर्ज पर वे शहीदी स्मारक के प्रांगण में आकर्षक व सुंदर पौधे लगाने का कार्य करें ताकि शहीदी स्मारक की भव्यता एवं सुंदरता और बढ़ सके।
अम्बाला से शुरू हुई थी आजादी के पहले स्वतंत्रता संग्राम की चिंगारी:-
गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि पहले यह माना जाता था कि 1857 की क्रांति मेरठ से शुरू हुई थी लेकिन तथ्यों और इतिहासकारों के द्वारा यह बताया गया कि मेरठ से 10 घंटे पहले स्वतंत्रता संग्राम की पहली चिंगारी अम्बाला छावनी में उठी थी जोकि धीरे-धीरे हरियाणा के विभिन्न क्षेत्रों तथा देश के विभिन्न हिस्सों तक फैल गई। उन्होंने कहा कि 1857 की क्रांति और अनसंग वीर शहीदों की याद में यह महत्वपूर्ण स्मारक बनाया जा रहा है जिससे आने वाली पीढियों को प्रेरणा मिलेगी और उन्हें अपने क्रांतिकारी वीर शहीदों के जीवन के बारे में जानकारी मिल पायेगी।
उन्होंने कहा कि किताबों कहानियों के द्वारा इतिहास कईं प्रकार से जाना जा सकता है, लेकिन इस प्रकार के ऐतिहासिक स्मारक का निर्माण होने से देखने वालों को प्रत्यक्ष रूप से इतिहास की जानकारी मिलती है। उन्होंने कहा कि शहीद स्मारक से जन-जन में देश के प्रति और अधिक प्रेम की भावना जागृत होगी।
बता दें कि गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज द्वारा सन 2000 से विधानसभा में यह विषय रखते आए हैं कि 1857 की स्वतंत्रता संग्राम की पहली चिंगारी अम्बाला छावनी से शुरू हुई थी और उन अनसंग हीरों की याद में अम्बाला छावनी में एक स्मारक बनना चाहिए। वे आवाज लगातार उठाते आ रहे थे। उनका ध्येय भी यही था कि आजादी की जो चिंगारी अम्बाला छावनी से शुरू हुई थी उसके बारे में जन-जन को जानकारी मिले और शहीद स्मारक के माध्यम से लोग अपने शहीदो की कुर्बानियों एवं बलिदानों को याद कर उनसे प्रेरणा ले पाएं।
गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने जब शहीद स्मारक की बात मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सामने रखी तो उन्होंने इसे तुरंत स्वीकृति दे दी।
गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि हिंदुस्तान का यह सबसे बेहतरीन शहीद स्मारक बन रहा है और इसके लिए इतिहासकारों की एक कमेटी बनाई गई है।
उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान का यह एक बेहतरीन और भव्य शहीद स्मारक बनेगा जिसे जीटी रोड़ से गुजरने वाला प्रत्येक व्यक्ति देखने के लिए अवश्य रूकेगा। शहीद स्मारक का कार्य पूरा होने के बाद अम्बाला छावनी एक टूरिस्ट सैंटर बन जायेगा जहां देश के ही नहीं बल्कि दूनिया के पर्यटक भी यहां पर देखने के लिए आयेंगे। शहीद स्मारक के अलावा इसके नजदीक ही एक साईंस म्यूजियम भी बनाया जा रहा है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ0 अमित अग्रवाल ने शहीद स्मारक में आर्ट वर्क से सम्बन्धित किए जाने वाले कार्यों के बारे में सम्बन्धित अधिकारियों को अपने सुझाव और दिशा-निर्देश दिए। उन्होने कहा कि शहीदों की याद में बन रहे इस स्मारक के निर्माण में कोई कमी न छोड़ी जाए तथा सभी एतिहासिक तथ्यों एवं दस्तावेजों को ध्यान में रखते हुए आर्ट वर्क आदि से सम्बन्धित कार्य किए जाएं।
इस अवसर पर उपायुक्त डा0 प्रियंका सोनी, सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ0 कुलदीप सैनी, एसडीएम डा0 बलप्रीत सिंह, नगर परिषद प्रशासक दिनेश कुमार, चीफ इंजिनियर अनिल दहिया, कार्यकारी अभियंता राज कुमार, कार्यकारी अभियंता अनिल चौहान, कार्यकारी अभियंता रितेश नांदल, कार्यकारी अभियंता पवन कुमार, आर्किटैक्चर रेणू खन्ना, मंडल प्रधान राजीव डिम्पल, मंडल प्रधान किरण पाल चौहान, बलकेश वत्स, अभिकांत वत्स, पीडब्लयूडी, बागवानी, बिजली आदि विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।