हुगली जिले की गोघाट थाने की पुलिस ने एक 14 वर्षीय नाबालिग पर तरह-तरह के अमानवीय अत्याचार करने के आरोप में उसकी चाची को गिरफ्तार किया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार आरोपित चाची का नाम सारदामणि चटर्जी है। पुलिस अनाथ नाबालिग का अस्पताल में इलाज करवाकर उसे उसके मामा के घर भेज दिया। स्थानीय सूत्रों के अनुसार नाबालिग के पिता तन्मय चटर्जी की कई साल पहले एक दुर्घटना में मौत हो गई थी। नाबालिग की मां भी 10 साल पहले घर छोड़कर चली गईं। नाबालिग अपने दादा-दादी के साथ रहती थी। लेकिन कुछ साल उसके पहले दादाजी की भी मौत हो गई। इसके बाद वह अपने चाचा-चाची के साथ रहने लगी। पड़ोसियों का कहना है कि घर के काम से लेकर शॉपिंग तक सब कुछ इस नाबालिग लड़की को दिया जाता है। काम में छोटी सी भी गलती होने पर उसके चाचा-चाची से भोजन नहीं देते थे। उसे भूखा रखा जाता था। अक्सर चाचा-चाची के घर पर नाबालिक लड़की की पिटाई होती थी और उसे जान से मारने की धमकियां दी जाती थी। नाबालिग की चीखें सुनकर पड़ोसियों का दिल दहल जाता था।
पड़ोसियों बताया कि नाबालिग मंगलवार को पूरे दिन नाबालिक के चाचा-चाची ने उसे भोजन नहीं दिया। दोपहर में बच्ची भूख से बिलबिलाने लगी। भूख बर्दाश्त नहीं हुई तो उसने फ्रिज खोला और दो मिठाइयां खा लीं। आरोप है कि इसी कारण चाची सरदामणि चटर्जी ने नाबालिग की पहले पिटाई की और उसे को गर्म लोहे से दाग दिया। नाबालिग चुपचाप ये यातनाएं सहन कीं। बुधवार को नाबालिग स्कूल गई। उसकी हालत देखकर जब शिक्षकों ने उससे बात की तो नाबालिग ने अपने चाचा-चाची के अत्याचारों के बारे में बताया। इसके बाद स्कूल की ओर से ही गोघाट थाने को सूचना दी गयी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर बुधवार शाम नाबालिग की चाची को गिरफ्तार कर लिया।