रायपुर, 20 जनवरी (हि.स.)। छत्तीसगढ़ की निलंबित राज्य सेवा अधिकारी व मुख्यमंत्री के पूर्व उपसचिव सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका शुक्रवार को रायपुर कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सौम्या कोल परिवहन मनी लॉड्रिंग घोटाला मामले में जेल में बंद हैं। आज ईडी के वकील ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि सौम्या एक प्रभावशाली महिला हैं, इन्हें जमानत मिलने से जांच प्रभावित होगी।
बताते चलें कि इससे पहले गुरुवार को बचाव पक्ष के वकील ने जमानत पर दलील देते हुए कहा था कि जिन धाराओं में उनकी गिरफ्तारी की गई है, वह मामला उनपर बनता ही नहीं है। ईडी की तलाशी में उनके घर से कोई भी आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद नहीं हुई है। कोल परिवहन से इनका कोई भी लिंक नहीं है। बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि मनी लॉड्रिंग मामले में एक महिला को अधिक समय तक जेल में नहीं रखा जा सकता है। सौम्या का कोई पूर्व अपराधिक रिकॉर्ड भी नहीं है। इनके छोटे-छोटे बच्चे हैं, जिनकी परिवरिश प्रभावित हो रही है। इनको जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए।
वहीं ईडी के वकील ने पेश किए गए जमानत आवेदन के तर्कों का जवाब देने के लिए समय मांगा था, जिसपर विशेष अदालत के न्यायाधीश ने शुक्रवार तक का समय दिया था। आज ईडी के वकील का जवाब सुनने के बाद सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका खारिज कर दिया। बताते चलें कि कोल परिवहन घोटाला मामले में सौम्या चौरसिया को ईडी ने दो दिसंबर को गिरफ्तार किया है। इसके बाद कई बार इनकी रिमांड बढ़ाई जा चुकी है।