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रायगढ़-बैंक ऑफ बड़ौदा के कर्मी को 10 साल की जेल की सजा

रायगढ़,31जनवरी(हि.स.)।युवती की आबरू से खेलने वाले बैंक ऑफ बड़ौदा के भृत्य को विशेष न्यायालय ने 10 साल की सजा सुनाई है। विशेष लोक अभियोजक अनूप कुमार साहू के मुताबिक रायगढ़ के चक्रधर नगर थानांतर्गत बेलादुला स्थित डेम चौक निवासी राजेश दास बैरागी आत्मज लक्ष्मण दास (30 वर्ष) बैंक ऑफ बड़ौदा की खरसिया शाखा में भृत्य के तौर पर काम करते हुए मौहापाली में सुंदर लाल लहरे के मकान को किराए में लेकर रहता था। वहीं, एक युवती अक्सर छाल से खरसिया आती और ट्रेन से आना-जाना करती। इस दौरान ट्रेन में राजेश और युवती की आए दिन मुलाकात होने से वे मोबाइल फोन से बातें भी करते। विगत 5 फरवरी 2019 को राजेश ने युवती को अपने मकान में बुलाया और ब्याह रचाने का वादा करते हुए उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया। इसके बाद राजेश फिर 5 फरवरी 2020 तक लगातार उसकी अस्मत से खेलता रहा। वहीं, राजेश के दिवास्वप्न के चक्कर में अपना सर्वस्व लुटाने वाली अनुसूचित जाति की सदस्या को पछतावा तब हुआ, जब बैंक कर्मी प्रेमी ने उसके संग विवाह से इंकार करते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया। पीड़िता ने थाने की शरण लेते हुए आपबीती बताई। पुलिस ने राजेश दास वैष्णव के खिलाफ मुकदमा पंजीबद्ध करते हुए केस डायरी कोर्ट में पेश किया। इधर, विशेष न्यायाधीश (एट्रोसिटी एक्ट) जितेंद्र कुमार जैन ने घटना से जुड़े पहलुओं, सबूतों और दोनों पक्षों की दलीलों को संजीदगी से सुनने के बाद आरोप प्रमाणित होने पर 6 नवंबर 2020 से 2 जनवरी 2021 तक 58 दिन जेल में रहने वाले राजेश दास को 30 जनवरी 23को भादंवि की धारा 376 (2) (ढ) में 10 साल का सश्रम कारावास और 2 हजार रुपए का अर्थदंड तथा अनुसूचित जाति, जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 की धारा 3 (2) (वी) के तहत भी 2 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। नियत समय मे अर्थदंड की राशि नहीं चुकाने पर मुल्जिम को 7-7 दिन जेल में अतिरिक्त रहना होगा।
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