भाजपा से संबंधित भारतीय मजदूर संघ के नेतृत्व में क्लेरिकल एसोसिएशन वेलफेयर सोसायटी के आह्वान पर प्रदेश भर के सभी विभागों, बोर्ड, निगमों व विश्वविद्यालयों के लिपिक वर्ग के कर्मचारियों की 42 दिन से चल रही हड़ताल बेकार गई। हड़ताल का कोई नतीजा न निकलने से लिपिक वर्ग कर्मचारी अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे हैं। यह बात अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी परिसंघ के राष्ट्रीय चेयरमैन एमएल सहगल ने गुरुवार को हड़ताल की समाप्ति पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही।
इस अवसर पर उपायुक्त कार्यालय कर्मचारी संगठन के पूर्व अध्यक्ष सेवानिवृत तहसीलदार नरेश गोयल, रोडवेज कर्मचारी यूनियन के पूर्व जिला प्रधान राजपाल नैन व हरियाणा कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष विश्वनाथ शर्मा मौजूद रहे। एमएल सहगल ने कहा कि हड़ताली कर्मचारियों की एक ही प्रमुख मांग थी 35400 पे ग्रेड और इसको लेकर भारतीय मजदूर संघ का दावा था कि जब तक मांग पूरी नहीं होगी, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि 42 दिन की सफल हड़ताल के बावजूद मांग पूरी नहीं होने से लिपिक वर्ग कर्मचारियों मेें निराशा का माहौल है। बिना मांग पूरी हुए हड़ताल समाप्त करने से भारतीय मजदूर संघ के नेतृत्व पर भी सवाल खड़े होते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के साथ बातचीत में केवल कमेटी के गठन करने पर सहमति बनी। उक्त कमेटी तीन महीने में अपनी रिपोर्ट देगी और उसके बाद सरकार से दोबारा बातचीत होगी। तब तक यह हड़ताल स्थगित रहेगी। इससे साफ है कि संगठन लिपिकों की मांग को पूरा करवाने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुआ है।
नरेश गोयल ने कहा कि कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल ने 21700 के पे स्केल के ऑफर को ठुकरा कर सराहनीय स्टेंड लिया है लेकिन 35400 पे स्केल की बजाय कमेटी का गठन पूरी तरह से धोखाधड़ी है। राजपाल नैन ने कहा कि 42 दिन तक सफल हड़ताल करना और एस्मा को रद्द करवाने व रूकी हुई सैलरी देने को मुख्यमंत्री की स्वीकृति लिपिक वर्ग की एक सफल प्राप्ति है।
हरियाणा कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष विश्वनाथ शर्मा ने कहा कि सरकार को भाजपा के श्रमिक संगठन भारतीय मजदूर संघ के माध्यम से सेवा नियमों आधीन कार्यरत कर्मचारी संगठनों में दखल अंदाजी करने से परहेज करना चाहिए, क्योंकि कर्मचारी संगठन राजनैतिक दलों के आदेशानुसार नहीं चल सकते हैं।