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मोक्ष एवं ज्ञान की भूमि गया में पितृपक्ष मेले का विधिवत शुभारंभ,4 हजार से अधिक जवान सुरक्षा में

पटना/गया, 28 सितम्बर (हि.स.)। मोक्ष और ज्ञान की भूमि बिहार के गया में मंत्र उच्चारण के साथ पितृपक्ष मेले का गुरुवार को शुभारंभ हो गया। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता ने इसका विधिवत उद्घाटन किया। विष्णुपद मंदिर परिसर में बने भव्य पंडाल में मंत्रों उच्चारण के साथ पितृपक्ष मेला का शुभारंभ हो गया। इस मौके पर बिहार सरकार के सहकारिता मंत्री डॉ सुरेंद्र प्रसाद यादव, कृषि मंत्री कुमार सर्बजीत, सांसद विजय कुमार मांझी, नगर विधायक प्रेम कुमार समेत बड़ी संख्या जिला पुलिस प्रशासन एवं पंडा समाज एवं आम लोग शामिल हुए। पितृपक्ष मेला के दौरान प्रशासन ने गया शहर के कई मार्गों की यातायात व्यवस्था में परिवर्तन किया है।पिंडदानियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी 4278 पुलिस कर्मियों के कंधे पर है।इसमें आठ डीएसपी रैंक के अधिकारी शामिल हैं।इसके अलावा वरीय अधिकारी भी समय-समय पर सहयोग करते रहेंगे। इस बात की जानकारी प्रभारी एसएसपी हिमांशु कुमार ने दी है। उन्होंने दावा किया कि मेला में तैनात सभी पुलिस कर्मियों को गया जी में आने वाले तीर्थ यात्रियों का सेवा भाव से हर सम्भव मदद करने की नसीहत दी गई है। इसके अलावा ट्रैफिक की भी ठोस व्यवस्था की गई है। माउंटेन मिलिट्री फोर्स को भी मेला परिसर में तैनात किया जाएगा। ताकि भीड़ को अच्छे से हैंडिल किया जा सके। इसके अलावा रैपिड एक्शन फोर्स भी मेला परिसर खासकर विष्णुपद मंदिर व उसके आसपास तैनात रहेगी। एसएसपी ने बताया कि रैपिड एक्शन फोर्स की एक टुकड़ी मंदिर कर गर्भ गृह के पास भी तैनात रहेगी ताकि वह भीड़ को बेहतर तरीके से चलायमान रखे।उन्होंने बताया कि 90 बाइक सवार पुलिस के जवानों की एक टीम तैयार की गई है। इस टीम के सदस्य मेला सेक्टर के अंदर सुबह से लेकर देर शाम तक गश्रत लगाते रहेंगे।तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा व यातायाता व्यवस्था को सुनिश्चित करेंगे। प्रभारी एसएसपी ने बताया कि मेला के तहत क्राउड मैनेजमेंट के बिंदु को प्रमुखता से देखा जा रहा है। मंदिर परिसर व उसके आसपास व संकीर्ण जगहों पर फोर्स की संख्या बढ़ा दी गई है। मेला क्षेत्र में 200 सीसीटीवी कैमरे काम करे रहे हैं।इस बीच पितरों को मोक्ष की कामना को लेकर तीर्थयात्रियों का आगमन प्रारंभ हो गया है। देश-विदेश से पिंडदानी कर्मकांड के लिए आने लगे हैं। वे फल्गु के पवित्र जल से पिंडदान एवं तर्पण करेंगे। इसके साथ ही पिंडवेदियों पर कर्मकांड करेंगे। पिंडदान एवं तर्पण के लिए फल्गु तट पर देवघाट, ब्राह्मणी घाट, पितामहेश्वर व सीताकुंड घाट का खास महत्व है। इन घाटाें पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी की है। इस साल पितृपक्ष मेले में अधिक तीर्थयात्रियों के आने का संभावना है। गत वर्ष तीर्थयात्री कम आए थे। इस वर्ष 10 से 12 लाख तीर्थयात्रियों के आने की संभावना जताई गई है। पितृपक्ष मेला के दौरान प्रशासन ने गया शहर के कई मार्गों की यातायात व्यवस्था में परिवर्तन किया है। मेला क्षेत्र को वन वे किया गया है। शहर में प्रात: तीन बजे से रात्रि 11 बजे तक बड़े वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मेला क्षेत्र में छोटे वाहनों के जाने को ही अनुमति दी गई है। हां, इसके अलावा वे वाहन भी प्रवेश कर सकेंगे, जिन्हें सदर एसडीओ द्वारा निर्गत पास प्राप्त हो। पार्किंग यातायात व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए बड़े एवं छोटे वाहनों की पार्किंग के लिए सिकड़िया मोड़ बस स्टैंड,चांद चौरा कोलरा अस्पताल,केन्दुई, पहड़तली, चंदौती बाजार, प्रेतशिला, आइटीआई कैंपस, पॉलीटेक्निक परिसर में व्यवस्था की गई है। इसके अलावा छोटे वाहनों के लिए संक्रामक अस्पताल परिसर व पंचयतिया अखाड़ा में पार्किंग की व्यवस्था है।
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