Logo
Header
img

भाजपा-कांग्रेस ने बागेश्वर उपचुनाव के लिए कसी कमर

 भाजपा विधायक चंदन रामदास के निधन से खाली हुई बागेश्वर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ने कमर कस ली है। उम्मीदवारों के चयन में जुटी दोनों पार्टियों ने अपने-अपने प्रत्याशियों की सूची तैयार की जा चुकी है और उन्हें हाई कमान की मंजूरी के लिए भेजा जा चुका है। दोनों पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवारों के नाम तय कर लिए है। अब इसकी महज औपचारिक घोषणा होना ही बाकी है। प्रदेश भाजपा ने भले ही तीन नामो का पैनल पार्लियामेंट्री बोर्ड के लिए भेजा है। इसमें चंदन रामदास की पत्नी पार्वती दास और बड़े बेटे गौरव दास और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष दीपा आर्य के नाम शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार भाजपा इस चुनाव में गौरव दास को अपना प्रत्याशी बनाने जा रही है। वही अपने पिता की राजनीतिक विरासत हासिल करने के लिए चुनाव मैदान में उतरने वाले हैं। इसके संकेत प्रदेश अध्यक्ष के उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाने से भी मिल रहे हैं।

उधर कांग्रेस अपनी सूची में दो नामो पर ही विचार करती रही है लेकिन वह किसी अन्य दल के ऐसे चेहरे को भी चुनाव मैदान में उतार सकती है जो भाजपा प्रत्याशी को कांटे की टक्कर दे सके और जनता में उसकी अपनी खुद की मजबूत पकड़ भी हो। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में चंदन राम दास के मुकाबले रंजीत दास को चुनाव मैदान में उतारा था लेकिन वह बुरी तरह से हार गए थे। रिजर्व सीट होने के कारण प्रदीप टम्टा के चेहरे पर भी मंथन किया गया लेकिन कांग्रेस इस उपचुनाव में जिस भी प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतार सकती है, उसमें आप के पूर्व प्रत्याशी बसंत कुमार नाम भी चर्चा में है जो तीसरे नंबर पर रहे थे।

कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि जब अकेले दम पर बसंत कुमार तीसरे नंबर पर रह सकते हैं तो पार्टी के टिकट पर भाजपा के प्रत्याशी को कांटे की टक्कर दे सकते हैं। बसंत कुमार बागेश्वर में हैं और चुनाव की तैयारी में जुटे हुए हैं। उन्होंने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं कि वह किस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे, लेकिन उनका चुनाव लड़ना तय है।

ऐसी स्थिति में बागेश्वर उपचुनाव मैं गौरव दास भाजपा और बसंत कुमार के नाम कांग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर लगभग तय माने जा रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल इस उपचुनाव को गंभीरता से ले रहे हैं क्योंकि 2024 से पूर्व होने वाला यह उपचुनाव अंतिम चुनाव है। इसके लिए 5 सितंबर को वोटिंग होनी है। अगर कांग्रेस बसंत कुमार पर दाव लगाती है तो वह बहुत जल्द कांग्रेस की सदस्यता ले सकते हैं।

Top