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नफरत और विघटन की बढ़ती हिंसा को रोकने में नाकाम भाजपा : कांग्रेस

लखनऊ, 23 जुलाई (हि.स.)। 2014 से लेकर के देशभर में मॉब लिंचिंग और सांप्रदायिक हिंसा की दुर्भाग्यपूर्ण खबरें साल दर साल बढ़ती गई है। ‘‘द कश्मीर फाइल्स’’, ‘‘द केरला स्टोरी’’ जैसी फिल्मों को पूरे देश में टैक्स फ्री करने के साथ-साथ राज्यवार सांप्रदायिक मुद्दे को गरमाने में भारतीय जनता पार्टी और उसकी राज्य सरकारों की भूमिका किसी से छुपी नहीं है। नौ सालों में भाजपा सरकार नफरत, विघटन और बंटवारे की बढ़ती हिंसा को रोक पाने में नाकाम रहे हैं। 

ये बातें कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव ने रविवार को कही। उन्होंने कहा कि बीते नौ वर्षों में प्रधानमंत्री ने पनप रहें जातीय और धार्मिक विवादों को हवा दिया है। इसके साथ-साथ ही अपने नफ़रत और विघटन के एजेंडा को और मज़बूत किया है। सीमावर्ती राज्यों में चाहे जम्मू-कश्मीर हो, असम, मणिपुर व मिजोरम जैसे पूर्वाेत्तर के राज्यों में पनप रहे स्थानीय विवादों का बीजेपी ने सांप्रदायिककरण करके अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने में कोई कसर नहीं छोड़ा।

 विकास श्रीवास्तव ने कहा कि संप्रदाय विशेष से जुड़े मामलों में अदालती प्रक्रिया के बाहर मीडिया ट्रायल के दौरान कुछ मीडिया हाउस द्वारा खबरों के प्रस्तुतिकरण में आरएसएस के एजेंडे पर काम करना देश के लोकतंत्र और राष्ट्रीय एकता सौहार्द के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। बीजेपी योजनाबद्ध रणनीति के तहत लगातार देश में हो रही धार्मिक जातीय हिंसा को भड़काने के साथ-साथ नफरत और विघटन की खाई को और बड़ी कर रही है। सच्चाई यह है कि यह नफरती भीड़ एक दिन में तैयार नहीं होती, योजनाबद्ध तरीके से समय और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए लोगों की भावनाओं को भड़काने में पूरा सिस्टम काम करता है। सरकार और मीडिया को दलीय भावना और विचारधारा से ऊपर उठकर संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाना पड़ेगा।
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