बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि देश में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर को मानने वाली सिर्फ एक ही पार्टी है और वह बसपा है। कुछ लोग साम, दाम, दंड, भेद जैसे प्रपंच कर दलित और पिछड़ों की बांटने और बसपा को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।
मायावती ने गुरुवार काे पत्रकारों से कहा कि कुछ लाेग दलित संगठन और पार्टी बनाकर बसपा को कमजोर करने वाले प्रयास कर रहे हैं। बसपा के लोगों से अपील है कि ऐसे लोगों के बहकावे में न आएं। बसपा को मजबूत होता देखकर जातिवादी पार्टियां परेशान हैं। यही वजह है कि अब उन्होंने अपने संगठन और पार्टी के माध्यम से दलित कार्यक्रमों को आयोजित करना एवं गुमराह करने की कोशिश शुरू कर दी है। ऐसी पार्टी से सावधान रहने की जरूरत है जो सिर्फ स्वार्थी और अवसरवादी हैं। उनका बहुजन समाज से कोई लेना देना नहीं है।
मायावती ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए। उन्हाेंने केन्द्र सरकार पर ईवीएम में धांधली कर बसपा प्रत्याशियों को हराये जाने की बात
कही। उन्हाेंने कहा कि वर्तमान सरकार के रहते ईवीएम से चुनाव होना तो बंद नहीं होगा, लेकिन जब सरकार बदलेगी तो बैलट पेपर से चुनाव होगा। जब बैलट पेपर से चुनाव होंगे तो बसपा के भी अच्छे दिन आएंगे। हमारी पार्टी और पूरा विपक्ष चाहता है कि देश में सभी चुनाव बैलट पेपर से हों, जिससे जनता का दिया सही परिणाम सामने आ सके।