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अमृतकाल के पहले बजट में सप्तऋषि की अवधारणा

नई दिल्ली, 01 फरवरी (हि.स.)। केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज (बुधवार) पूर्वाह्न 11 बजे लोकसभा में बजट पेश किया। उन्होंने बजट भाषण में कहा कि बजट में सात प्राथमिकताएं सप्तर्षि की अवधारणा पर आधारित हैं। इनमें समावेशी वृद्धि, हरित विकास, युवा शक्ति, वित्तीय क्षेत्र, अंतिम छोर तक पहुंच, बुनियादी ढांचे का विकास और क्षमताओं का पूरा इस्तेमाल शामिल है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र को गति देने के लिये अलग कोष बनाया जाएगा। नई तकनीकी पर जोर होगा। पर्यटन में घरेलू एवं वैश्विक संभावनाएं मौजूद हैं। इसके प्रोत्साहन के लिए मिशन मोड में सार्वजनिक-निजी भागीदारी में काम किया जाएगा। हमने कई टिकाऊ विकास लक्ष्यों की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि सभी अंत्योदय और प्राथमिकता प्राप्त परिवारों को एक साल तक मुफ्त खाद्यान्न देने के लिए पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लगभग दो लाख करोड़ रुपये का पूरा खर्च केंद्र सरकार वहन कर रही है। समावेशी विकास की दिशा में 11.4 करोड़ शौचालय बनाए गए हैं। 220 करोड़ कोविड टीके लगाए गए। 47.8 करोड़ जन-धन योजना के तहत बैंक खाते खोले गए। 2.2 लाख करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष लाभ अंतरण किया गया। उन्होंने कहा कि 2014 से सरकार के प्रयासों ने सभी नागरिकों के जीवन की बेहतर गुणवत्ता और गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित किया है। प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से अधिक बढ़कर 1.97 लाख रुपये हो गई है। इन नौ वर्षों में, भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में बढ़ी है। दुनिया ने भारत को एक चमकीले सितारे के रूप में मान्यता दी है। चालू वर्ष के लिए हमारी वृद्धि 7.0 प्रतिशत अनुमानित है। यह महामारी और युद्ध के कारण बड़े पैमाने पर वैश्विक मंदी के बावजूद सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है। भारतीय अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है और उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रही है। अर्थव्यवस्था में संगठित क्षेत्र का दायरा बढ़ा है।
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