भगवान शिव की पवित्र गदा के साथ स्वामी अमरनाथ की छड़ी-मुबारक के संरक्षक महंत दीपेंद्र गिरि और साधुओं का एक समूह दशनामी अखाड़ा मंदिर श्रीनगर से बस में गुफा मंदिर के लिए रवाना हो गया। शनिवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच यात्रा की अंतिम रस्में पूरी की गईं।
छड़ी मुबारक शनिवार तड़के श्रीनगर के दशनामी अखाड़ा मंदिर से पहलगाम के लिए रवाना हुई, जिसमें साधुओं का एक समूह “बम बम बोले” के नारे लगाते हुए अमरनाथ गुफा के लिए दक्षिण कश्मीर में पारंपरिक पहलगाम मार्ग से रवाना हुआ।
रास्ते में छड़ी मुबारक को बिजबिहाड़ा में शिवजी महाराज हरिश्चंद्र मंदिर और श्री मार्तंडा मंदिर ले जाया जाएगा, जहां विशेष पूजा की जाएगी।
वार्षिक 64 दिवसीय अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई को दक्षिण कश्मीर के पहलगाम और मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले के बालटाल के जुड़वां मार्गों से शुरू हुई और 31 अगस्त को श्रावण-पूर्णिमा के अवसर पर समाप्त होगी।
इस वर्ष अधिकारियों द्वारा तीर्थयात्रियों के लिए किए गए अभूतपूर्व इंतजामों के बीच 4.40 लाख से अधिक भक्तों ने अमरनाथ गुफा मंदिर में दर्शन किए।
छड़ी मुबारक पहली रात पहलगाम में रुकेगी। पहलगाम के रास्ते में सुरेश्वर मंदिर श्रीनगर, शिव मंदिर पंपोर, शिव मंदिर बिजबिहाडा, मार्तंड तीर्थ मट्टन, और लिद्दर नदी के पार गणेश मंदिर, गणेशबल में भी पूजन किया जाएगा।
इसके बाद छड़ी-मुबारक 28 अगस्त को चंदनवारी, 29 अगस्त को शेषनाग और 30 अगस्त को पंचतरणी में रात्रि विश्राम के लिए रुकेगी। 31 अगस्त को श्रावण-पूर्णिमा के अवसर पर छड़ी मुबारक को अमरनाथ के पवित्र तीर्थस्थल पर ले जाया जाएगा। जहां उन्हें सूर्याेदय से पहले पहुंचना होगा और उगते सूरज के साथ ही पूजन शुरू होगा।
महंत दीपेंद्र गिरि द्वारा स्थापित द ट्रू ट्रस्ट ने छड़ी-मुबारक स्वामी अमरनाथ जी की वार्षिक तीर्थयात्रा के दौरान आवास और परिवहन व देश भर से आने वाले साधुओं और आम जनता के जरूरतमंदों के लिए भोजन, टेंट आदि की सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की हैं।