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काम नहीं आ रही टास्क फोर्स की सख्ती, चिकन विक्रेताओं ने मनमाने तरीके से बढ़ाई कीमत

कोलकाता, 21 दिसंबर (हि.स.)। खुदरा बाजारों में खाद्य पदार्थ की कीमत नियंत्रण करने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश का कोई असर नहीं दिख रहा। इसके लिए बनाए गए टास्क फोर्स की सख्ती भी काम नहीं आ रही है क्योंकि कोलकाता में पिछले 10 दिनों में शहर में चिकन की खुदरा कीमत लगभग 60 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़ गई है। जरूरी वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए गठित टास्क फोर्स के एक सदस्य के अनुसार, कोलकाता के खुदरा बाजारों में चिकन की औसत कीमत 220 से 230 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच है। जबकि, एक हफ्ते पहले चिकन की कीमत 160 रुपये से 170 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच थी। मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं के लिए इस किफायती भोजन की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि अब वास्तव में टास्क फोर्स के सदस्यों के लिए सिरदर्द बन गई है। टास्क फोर्स के सदस्य के अनुसार, सर्दियों के आने के साथ शहर के विभिन्न हिस्सों में वायरस के हमलों के कारण पोल्ट्री फार्म में मुर्गों की मौत के कई मामले सामने आए हैं, जिससे शहर के खुदरा बाजारों में चिकन की आपूर्ति में बाधा उत्पन्न हुई और कीमत बढ़ गई। टास्क फोर्स के एक सदस्य ने कहा कि आमतौर पर, पश्चिम बंगाल में प्रति माह चिकन की औसत मांग लगभग 3.5 लाख किलोग्राम है, जो साल के अंत में पिकनिक के कारण सर्दियों के आने के साथ बढ़ जाती है। लेकिन, इस साल वायरस से संबंधित मुर्गों की मौतों के कारण मांग में वृद्धि हो गई और पर्याप्त आपूर्ति नहीं की जा रही। चिकन के अलावा अंडे की कीमत भी बढ़ी है, जिससे मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ गई है। शहर के खुदरा बाजार में एक अंडे की औसत कीमत लगभग आठ रुपये है, जबकि एक महीने पहले यह 5.50 रुपये थी।
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