मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश की विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति एमपीएसटीआईपी-2022 का विमोचन आज (सोमवार को) शाम 7.30 बजे आरसीपीव्ही नरोन्हा प्रशासन अकादमी के स्वर्ण जयंती सभागार में करेंगे।
समारोह में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा, केन्द्रीय प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय कुमार सूद, नीति आयोग के सदस्य डॉ. विजय कुमार सारस्वत, आईआईटी गांधीनगर के निदेशक प्रो. रजत मूना, मध्यप्रदेश राज्य नीति योजना आयोग के उपाध्यक्ष प्रो. सचिन चतुर्वेदी, वरिष्ठ सलाहकार एवं अतिरिक्त सचिव भारत सरकार प्रो. अखिलेश गुप्ता, इसरो बेंगलुरू के निदेशक डॉ. सुधीर एन, विज्ञान भारती के राष्ट्रीय सचिव प्रवीण रामदास और मेपकॉस्ट के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी, मध्यप्रदेश के वैज्ञानिक संस्थानों के विभाग प्रमुख सहित शोध और अकादमिक क्षेत्र के व्यक्ति भी उपस्थित रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश के सर्वांगीण विकास में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचारों की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। प्रचुर संसाधन और औद्योगिक अधो-संरचना के साथ उपयुक्त विज्ञान नीति और निवेश से विकास दर में बढ़ोतरी की जा सकती है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रौद्योगिकी और नवाचारों के लिए प्रदेश में ईको सिस्टम सृजित करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इन्हीं तथ्यों को केंद्र में रख कर मध्यप्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति-2022 का मसौदा तैयार किया गया है।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश की नई विज्ञान नीति के निर्माण की प्रक्रिया में वैज्ञानिक संस्थानों के निदेशक और विश्वविद्यालयों के कुलपति के साथ विभिन्न दौर का ऑनलाइन विचार-विमर्श किया गया। इसी तरह क्षेत्रीय समस्याओं के दृष्टिगत वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, शिक्षा शास्त्रियों और आम नागरिकों से भी सुझाव आमंत्रित किये गये थे। प्रदेश की नवीन विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति का निर्माण कोविड-19 महामारी के बाद समाज में हुए बदलाव और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को ध्यान में रखते हुए किया गया है। स्वतंत्रता के अमृतकाल में देश एवं प्रदेश को अग्रसर करने में यह नीति अत्यंत सहायक होगी।
प्रमुख सचिव श्रीवास्तव ने बताया कि विज्ञान के प्रचार-प्रसार को आगे बढ़ाने और समाज में वैज्ञानिक जागरूकता विकसित करने के लिए आई.आई.टी., गांधीनगर के साथ एक क्रिएटिव लर्निंग सेंटर की स्थापना भी की जा रही है। इसके लिए आई.आई.टी. गांधीनगर और मेपकास्ट के मध्य एमओयू भी होगा।