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बाल विवाह करना या कराना दण्डनीय अपराध है: अरविन्द्रजीत कौर

अम्बाला, 19 अप्रैल बाल विवाह करना या कराना दण्डनीय अपराध है। किसी भी बालिका, जिसने अपनी आयु 18 वर्ष पूर्ण न की हो एवं किसी भी बालक व युवा जिसने अपनी आयु 21 वर्ष पूर्ण न की हो, का विवाह कराया जाना प्रतिबन्धित है। जिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी अरविन्द्रजीत कौर ने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 के अन्तर्गत बाल विवाह एक दण्डनीय अपराध है तथा बाल विवाह में प्रतिभाग करने वाले व्यक्तियों पर भी कानूनी कार्यवाही का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है जिसके शारीरिक एवं मानसिक रूप से गम्भीर दुष्प्रभाव होते हैं। अक्षय तृतीया (आखा तीज) के अवसर पर बाल विवाह करने की रूढि़वादी परम्परा समाज में प्रचलित रही है। वर्ष 2023 में अक्षय तृतीया 22 अप्रैल को पड़ रही है। बाल विवाह की रोकथाम हेतु जिले में विभन्न प्रकार के जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। बाल विवाह कराने में सम्मिलित व्यक्तियों के विरूद्ध नियमानुसार कानूनी कार्यवाही की जायेगी। बाक्स:- इन सजाओं का है प्रावधान उन्होंने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 के प्राविधानों के अन्तर्गत बाल विवाह करने वाले व्यस्क पुरूष के लिए एवं बाल विवाह का अनुष्ठान करने वाले व्यक्तियों के लिए 02 वर्ष के कठोर कारावास एवं 01 लाख रूपये तक के जुमाने का प्रावधान है। बाक्स:- वैवाहिक आयोजन कराने वाले भी रखें ध्यान उन्होंने बताया कि वैवाहिक आयोजन कराने वाले प्रिंटिंग प्रेस, टेन्ट व्यवसायी, मैरिज हॉल, बैण्ड बाजा, कैटरर्स, फोटो ग्राफर, पुरोहित, मौलवी इत्यादि व्यक्तियों एवं संस्थाओं से भी यह अपेक्षा की जाती है कि वैवाहिक आयोजन कराने से पूर्व यह सुनश्चित कर लें कि वधु की आयु 18 वर्ष एवं वर की आयु 21 वर्ष से कम न हो। बाक्स:-181, 112 या फिर 1098 पर दें सूचना उन्होंने जिले के सभी नागरिकों से अनुरोध करते हुआ कहा कि यदि बाल विवाह से सम्बन्धित कोई प्रकरण उनके संज्ञान में आता है तो प्रकरण के सम्बन्ध में तत्काल हेल्पलाईन नम्बर 112, महिला एवं बाल विकास हेल्पलाइन नंबर 181, चाइल्ड हेल्पलाईन नम्बर 1098 या स्थानीय पुलिस स्टेशन व चौकी पर सूचित कर दें, जिससे बाल विवाह को रोका जा सकें।
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