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चुनार-चोपन दोहरीकरण कार्य को 1423.96 करोड़ की मिली स्वीकृति

प्र में 1,66,122 करोड़ रुपये के 5407 परियोजनाओं का क्रियान्वयन  उप्र में रेल विकास के लिए 17,500 करोड़ से अधिक धनराशि का आवंटन

विगत कुछ वर्षों में भारतीय रेल को मिलने वाले बजट आवंटन में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। वर्तमान केंद्रीय बजट में उत्तर प्रदेश में रेल विकास के लिए 17,500 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि का आवंटन हुआ है। वर्तमान में उप्र में 1,66,122 करोड़ रुपये के 5407 परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। जिसके क्रम में उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज मंडल के चुनार-चोपन खंड के दोहरीकरण कार्य को आज स्वीकृति प्राप्त हो गई है। इस कार्य की स्वीकृति लागत रुपए 1423.96 करोड़ होगी। यह बातें उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक सतीश कुमार ने मण्डल प्रबंधक कार्यालय के सभागार में पत्रकारों से कही। उन्होंने बताया कि व्यस्त दीनदयाल उपाध्याय यार्ड के अत्यधिक व्यस्त होने के कारण, उत्तर रेलवे ने करनपुरा कोयला क्षेत्रों के लिए वैकल्पिक मार्ग के रूप में चुनार-चोपन खंड का निर्माण शुरू किया। मुख्य लाइन पर चुनार से रॉबर्ट्सगंज-चुर्क तक का खंड 14 जुलाई 1954 को खोला गया था। इसे आगे गढ़वा रोड तक बढ़ाया गया था, जहां चोपन से ठीक पहले सोन नदी पर एक पुल की आवश्यकता थी। अंततः यह लाइन 19 अक्टूबर 1963 को खोली गई। वर्तमान में इस लाइन से उत्तर प्रदेश के सबसे पिछड़े एवं तीन राज्यों से जुड़े आदिवासी बहुल जिले सोनभद्र एवं मीरजापुर सेवित किया जाता है। इसके माध्यम से 2054 गांव, 6788 वर्ग किमी क्षेत्रफल एवं लगभग 25 लाख की जनसंख्या को लाभ मिलता है।

महाप्रबंधक ने बताया कि चुनार-चोपन दोहरीकरण के साथ-साथ दो ऐसी परियोजनाएं स्वीकृति हुई हैं जो सीधे उत्तर प्रदेश के लोगों को लाभान्वित करेगी। जिनमें पहली परियोजना 96 किमी. के गोरखपुर जंक्शन से वाल्मीकिनगर खंड के 1269 करोड़ रुपये की लागत से दोहरीकरण करने की स्वीकृति है, जिससे ना केवल उत्तर प्रदेश से पूर्वोत्तर के राज्यों को जाने वाले माल यातायात में शीघ्रता आएगी, अपितु पूर्वोत्तर की यात्रा करने वाले यात्रियों के यात्रा समय में भी उल्लेखनीय कमी आएगी। साथ ही 374 किमी लंबे सोननगर-अंडाल खंड की रुपये 13,606 करोड़ की लागत से तीसरी एवं चौथी लाइन कार्य को भी स्वीकृति मिली है। इससे उत्तर से पूर्व जाने वाले माल यातायात के त्वरित संचालन में मदद मिलेगी एवं कंजेशन में कमी आने से हावड़ा-प्रयागराज यात्रा करने वाले यात्रियों के यात्रा समय में बचत होगी साथ ही साथ नई सेवाएं प्रारंभ करने में भी सुगमता होगी।

इस दौरान मण्डल रेल प्रबंधक हिमांशु बडोनी, मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय, जनसम्पर्क अधिकारी अमित मालवीय एवं अमित कुमार सिंह सहित तमाम अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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