लिपिक वर्गीय कर्मचारी इन दिनों 35400 वेतनमान की मांग को लेकर सड़काें पर हैं। वह सरकार से वेतनमान बढ़ोत्तरी की गुहार लगा रहा है, लेकिन सरकार द्वारा आश्वासन दिए जाने के बावजूद भी उनकी मांग पूरी नहीं हुई, जिसके चलते लिपिकों में रोष है। वेतनमान बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर क्लेरिकल एसोसिएशन वेलफेयर सोसायटी हरियाणा (सीएडब्ल्यूएस) के बैनर तले लिपिकों की अनिश्चितकालीन कलम छोड़ हड़ताल स्थानीय लघु सचिवालय के नजदीक गुरुवार को 9वें दिन भी जारी रही। इस दौरान लिपिकों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
इस मौके पर एमपीएचडब्ल्यू एसोसिएशन के जिला प्रधान कुलदीप सिंह, प्रदेश महासचिव हरिनिवास, एमपीएचडब्ल्यू कार्यकर्ता जगदीश जांगड़ा, ऑल हरियाणा स्टेट मार्केटिंग बोर्ड के प्रधान महाबीर सिंह, उपप्रधान मोहन सिंह, प्रदेश उप महासचिव योगेश शर्मा, सेवानिवृत्त आईएएस एसके गोयल, सांख्यिकी राज्य प्रधान प्रशांत शर्मा धरने को समर्थन देने पहुंचे। धरने की अध्यक्षता काऊज के उपप्रधान विकास कुमार एवं काऊज के कोषाध्यक्ष नरेश कुमार ने किया। धरने का आयोजन जिला कोर्डिनेटर विजय वर्मा की देखरेख में किया जा रहा है।
धरने को संबोधित करते हुए कोर कमेटी अध्यक्ष नेत्रपाल ने कहा कि हरियाणा के छोड़कर देश के अन्य राज्यों में लिपिकों को 35400 वेतनमान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश के लिपिकों के साथ सरकार भेदभावपूर्ण रवैया अपनाते हुए उन्हें अपने हक से महरूम कर रही है। उन्होंने कहा कि 18 जून को करनाल में लिपिकों ने अपना वेतनमान 19900 से बढ़ाकर 35400 रुपए किए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था। उस दौरान लिपिकों ने चेतावनी दी थी कि यदि 4 जुलाई तक वेतनमान बढ़ोत्तरी की मांग नहीं गई तो 5 जुलाई से अनिश्चितकालीन कलम छोड़ हड़ताल शुरू की जाएगी। इसके बाद वीरवार को उनकी अनिश्चितकालीन हड़ताल 9वें दिन में प्रवेश कर गई, लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा सभी लिपिकों का न्यूनतम वेतनमान 19900 की कैटेगरी में रखा गया है जबकि यह लोग 35400 की सम्मानजनक मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार लिपिकों को उनका हक न देकर लिपिक वर्ग का शोषण कर रही है, जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि ही उनकी वेतनमान बढ़ोत्तरी की मांग पूरी नहीं हुई तो वे ओर भी बड़े स्तर पर आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।