धमतरी-समर्थन मूल्य पर 20 क्विंटल धान खरीद की घोषणा सराहनीय
धमतरी, 28 मार्च (हि.स.)।ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष डीहूराम साहू, ज्योति दिवाकर ठाकुर, राजेश साहू, चंद्रहास साहू, नीतू खिलावन साहू सहित मगरलोड के कांग्रेसियों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा समर्थन मूल्य पर अब 15 क्विंटल की बजाय 20 क्विंटल खरीद करने की जो घोषणा की गई है, वह सराहनीय है। कांग्रेस की सरकार ने किसान हित के लिए घोषणा की है, इससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अब समर्थन मूल्य पर 15 क्विंटल की जगह अब प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीद की घोषणा की है, जो किसान हित में है। सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों की कर्ज माफी की घोषणा की। कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में जो वादे किए है, उन वादों को पूरा कर रहे हैं। जनपद उपाध्यक्ष राजेश साहू ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने छत्तीसगढ़ के किसानों के धान को 2640 रुपये एवं 2660 रुपये के दर पर खरीद की है। धान की इतनी कीमत किसी भाजपा शासित राज्य में किसानों को नहीं मिल रहा है। प्रदेश में धान की कीमत में वृद्धि होने से धान पैदा करने वाले किसानों की संख्या बढ़ गई है।
भूपेश बघेल की सरकार ने अपने पिछले खरीफ वर्ष में खरीद की गई धान के रिकार्ड को तोड़कर चालू खरीफ वर्ष में 108 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद कर चुकी है। प्रदेश के पंजीकृत सभी किसान अपना धान बेच चुके हैं।किसान कांग्रेस कमेटी जिलाध्यक्ष चंद्रहास साहू ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में इस साल से किसानों से प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीद की घोषणा कर यह साबित कर दिया कि वह किसानों के सच्चे हितैषी है। चंद्रहास साहू ने कहा कि 15 वर्ष तक छत्तीसगढ़ में भाजपा की रमन सरकार किसानों को कभी बोनस देने के नाम पर तो कभी समर्थन मूल्य देने के नाम पर ठगती रही। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार आने के बाद किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है।
जनपद अध्यक्ष ज्योति दिवाकर ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा राज्य के किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से यह घोषणा की है। नगर पंचायत अध्यक्ष नीतू खिलावन साहू ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि किसानों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। अब किसानों को कोचियों एवं व्यापारियों के पास धान बेचने की जरूरत नहीं पड़ेगी।