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रांची में क्रिसमस और नए साल पर शराब पीकर हुड़दंग मचाने वालों की अब खैर नहीं

रांची में नए साल के जश्न में शराब पीकर हुड़दंग मचाने वालों की अब खैर नहीं है। सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए इस बार रांची ट्रैफिक पुलिस ने सभी पिकनिक स्पॉट के साथ-साथ जश्न वाले इलाकों में ड्रंक एंड ड्राइव को लेकर अभियान चलाने का निर्देश जारी कर दिया है। 22 दिसंबर से लेकर 15 फरवरी तक ट्रैफिक के जवान ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट के लिए ड्यूटी पर तैनात रहेंगे। रांची में हर वर्ष नवंबर माह से लेकर दूसरे वर्ष फरवरी माह तक सड़क दुर्घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि होती है। इसके पीछे सबसे प्रमुख वजह जो अब तक निकल कर सामने आई है वह ड्रंक एंड ड्राइव है। क्रिसमस से लेकर नए साल के फरवरी महीने तक पिकनिक के साथ-साथ अलग-अलग डेस्टिनेशन पर पार्टियों का आयोजन होता है। ऐसी पार्टियों में जमकर शराब पी जाती है। शराब पीने के बाद जब युवा अपने घरों की तरफ लौटते हैं तब वे हादसे का शिकार हो जाते हैं। रांची डीटीओ कार्यालय से मिले हादसों के आंकड़े बेहद चिंताजनक है। दिसंबर, 2022 में कुल 64 सड़क हादसे हुए, जिनमें 44 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 38 लोग बुरी तरह से जख्मी हुए। जनवरी में 64 हादसे सामने आए, जिसमें 41 लोगों की मौत हो गई और 35 बुरी तरह से जख्मी हुए। फरवरी महीने में 38 लोग सड़क हादसे में मौत के गाल में समा गए। कुल मिलाकर देखा जाए तो मात्र 70 दिनों में 121 लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा दी। आकड़ों के अनुसार सड़क हादसों में मरने वाले सबसे ज्यादा युवा हैं। इनकी उम्र 18 से 30 के बीच है। बिना हेलमेट सवारी, तेज रफ्तार, शराब और ईयर बर्ड-हेडफोन का इस्तेमाल हादसों की प्रमुख वजह है। साल 2021 में सड़क हादसों में जहां 448 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी, वहीं साल 2022 में कुल 450 लोग सड़क हादसे में मारे गए। इस संबंध में रांची के ट्रैफिक एसपी कुमार गौरव ने बताया कि पिछले साल के आंकड़ों को देखकर यह साफ पता चलता है कि नवंबर महीने से लेकर फरवरी महीने तक सड़क हादसे बहुत ज्यादा सामने आते हैं। इन सब के पीछे ड्रंक एंड ड्राइव बड़ी वजह है। साथ ही कोहरा भी एक बड़ी वजह है। ट्रैफिक एसपी के अनुसार ड्रंक एंड ड्राइव को रोकने के लिए पिकनिक स्पॉट के बाहर चेक पोस्ट बना कर ब्रेथ एनालाइजर से चेकिंग की जाएगी। शहरी क्षेत्र में भी ड्रंक एंड डाइव को लेकर विशेष अभियान चलाया जाएगा।
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