पर्यटन नगरी जोशीमठ के अस्तित्व को बचाने की मुहिम एक बार फिर शुरू हो गई है। भू-धंसाव का दंश झेल रहे जोशीमठ पर हेलंग-मारवाड़ी बाईपास निर्माण की दोहरी मार पड़ने से नगरवासी आक्रोशित हैं और अब आर-पार की लड़ाई का बन बना चुके हैं। इसके तहत क्रमिक अनशन, आमरण अनशन व सर्वोच्च न्यायालय में भी दस्तक देने पर सहमति बनी है।
शुक्रवार को नगर पालिका सभागार में जोशीमठ व्यापार संघ, जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति, पैनखंडा युवा संघर्ष समिति व जन प्रतिनिधियों की बैठक में जगदगुरू शंकराचार्य की तपस्थली ज्योतिर्मठ, भगवान नृसिंह-नवदुर्गा की भूमि को बचाने के लिए संघर्ष पर एक राय बनी। इसके तहत अगले एक सप्ताह के अन्दर नगर के सभी वार्डों में व्यापक जनसंपर्क करने के बाद क्रमिक अनशन व आमरण अनशन की रूपरेखा तैयार करते हुए आंदोलन शुरू किया जाऐगा। साथ ही एक टीम शीघ्र ही एक बार फिर केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से भेंट करेगी व सर्वोच्च न्यायालय में भी दस्तक देगी। बैठक में जोशीमठ नगर पालिकाध्यक्ष शैलेन्द्र पंवार, व्यापार संघ के अध्यक्ष नैन सिंह भंण्डारी, जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती, व्यापार संघ के पूर्व अध्यक्ष रमेश डिमरी, भाजपा नेता भगवती प्रसाद नंबूरी, सुभाष डिमरी, मंडल अध्यक्ष नितेश चौहान, कांग्रेस नगर अध्यक्ष हरेन्द्र राणा, पालिका सभासद समीर डिमरी, पूर्व सभासद अनिल नंबूरी व लक्ष्मी लाल, देवेश्वरी साह, डॉ धीरेंद्र परमार, शुभम रावत सहित अनेक लोग मौजूद रहे।