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धमतरी जिले में बह रही भागवत गीता की रसधारा

धमतरी, 3 जनवरी (हि.स.)।धमतरी शहर के अलावा आसपास के गांव में इन दिनों भागवत गीता पाठ का आयोजन किया जा रहा है, इससे शहर-अंचल भागवतमय हो गया है। शहर व आसपास के गांवों के अलावा अन्य राज्यों से भगवताचार्य जिले में पधारे हुए हैं। भागवत गीता के श्लोक को सरलता से अपनी वाणी के माध्यम से लोगों को सुना रहे हैं। विभिन्न स्थानों में आयोजित श्रीमद् भागवत गीता का श्रवण करने काफी संख्या में श्रद्धालु जन पहुंच रहे हैं। विभिन्न वाद्य यंत्रों के साथ प्रस्तुत होने वाली भगवत गीता का अलग ही माहौल है। भगवत गीता कथा के बीच-बीच में संगीतमय भजन प्रस्तुति से श्रद्धालुओं का मन कथा स्थल में लगा रहता है। लगभग महीनेभर से ये आयोजन हो रहे हैं, जो आने वाले महीनों तक जारी रहेंगे। श्रीमद् भागवत की कथा हमें सच्चाई के मार्ग पर चलने की सीख देती है -अंबा चौक (आमापारा) महंत घासीदास वार्ड में आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण में भगवताचार्य पंडित वीरेंद्र वैष्णव वृंदावन गुरुकुल श्रीधाम ने कहा कि जीवन में हमेशा सदकर्म करना चाहिए। झूठ की दुनिया छोटी होती है। श्रीमद् भागवत की कथा हमें सच्चाई के मार्ग पर चलने की सीख देती है। पंडित वीरेन्द्र महाराज ने समुद्र मंथन और वामन अवतार की कथा का विस्तार से प्रसंग सुनाया। जीवन में होने वाले उतार-चढ़ाव से न घबराएं-ग्राम अमलीडीह में भागवत ज्ञान यज्ञ में पंडित भूपेंद्र आचार्य ने कहा कि भगवान ने रामचरितमानस में कहा है कि जब कभी धर्म की हानि होती है तब प्रभु सज्जनों की भलाई के एवं दुष्टों के संहार के लिए अवतार लेते हैं। सूर्यवंश में महाराज रघु जैसे श्रेष्ठ राजा हुए। आज भी रामचरितमानस में यह चौपाई उल्लेखनीय है। रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाए पर वचन न जाई। उन्हीं के वंश में आगे चल महाराज दशरथ हुए जिन्होंने 105 इंद्रियों को जीता एवं धर्म की धुरी को धारण किए, जिसके फलस्वरूप रामोविग्रह धर्म के रूप में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी का धरा धाम पर आगमन हुआ। अधर्मियों का नाश करके धर्म की ध्वजा को फहराया। अन्याय का नाश करके न्याय का शासन प्रारंभ करवाया।
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