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डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ की हुई जीत, 200 अभियंताओं की होगी पदावनति

लखनऊ, 02 जून (हि.स.)। उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग में सक्रिय अभियंता संगठन डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ की ओर से वर्ष 2008 के बाद आजतक गलत तरीके से की गयी प्रोन्नति की लड़ाई को जीत लिया गया है। उच्च न्यायालय ने डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ की 40 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए लोक निर्माण विभाग में वर्ष 2008 में 95 अवर अभियंता, वर्ष 2009 में 27 अभियंता, 2010 में 78 अभियंताओं को प्रोन्नति देकर अधिशासी अभियंता बनाये जाने को गलत बताया है। उच्च न्यायालय के फैसले की कॉपी को डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ ने लोक निर्माण विभाग के उच्च अधिकारियों के हाथों तक पहुंचा दी है। इसके बाद से विभाग में हड़कम्प मचा हुआ है। डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के प्रदेश अध्यक्ष इंजीनियर एनडी द्विवेदी, महामंत्री प्रकाश चन्द्र ने शुक्रवार मीडिया को बताया कि देश कानून का राज है, कानून अभी जिंदा है। पूर्व में अवर अभियंताओं और सहायक अभियंताओं को नियम के विरुद्ध अभिशासी अभियंता बनाये जाने का हमने विरोध किया। लड़ाई लड़ी और अब जीत हुई है। विभागाध्यक्ष स्तर पर होगा आगे का फैसला लोक निर्माण विभाग के विभागाध्यक्ष संदीप कुमार के सेवानिवृत होने के बाद विभागाध्यक्ष का चार्ज देख रहे प्रमुख अभियंता या इसके बाद पूरी तरह से विभागाध्यक्ष का कार्य देखने वाले प्रमुख अभियंता की ओर से पदावनति (दंड के रुप में वर्तमान पद से नीचे किया जाना) होने वाले अभियंताओं से संबंधित आगे का फैसला लिया जायेगा।
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