'ड्रीम-11' के मकड़जाल में फंसकर वित्तीय जोखिम उठाते आईपीएल के दर्शक?
आईपीएल कमाई के लिहाज से ऐसा 'छप्परफाड़ धन वर्षा' वाला खेल हो गया है, जहां चारों ओर से पैसा बरसता है। वर्किंग क्रिकेटरों से लेकर पूर्व क्रिकेटर, इवेंट आयोजक, बीसीसीआई, टीवी चैनल्स, स्टेडिएम प्रबंधक और क्रिकेट से जुड़े स्टॉफ और स्पोर्ट्स कंपनियां मालामाल हो रही हैं। इस खेल में पैसा कमाने का अब एक और नया अध्याय जुड़ गया है, जिसका नाम है-ड्रीम-11 क्विज। जो इंडियन प्रीमियर लीग-2024 के 17वें संस्करण में खूब चर्चा में हैं। युवाओं में आईपीएल देखने की दीवानगी से कहीं ज्यादा इस क्विज को खेलने में रुचि बढ़ी है। इसे मॉर्डन जमाने का जुआ भी कहें, तो शायद गलत नहीं होगा? इस क्विज को खेलने की युवाओं में ऐसी लत लग गई है जिसमें वह लगातार वित्तीय जोखिम उठा रहे हैं। इसके चक्कर में लोग कर्जदार हो रहे हैं और पैसों के चलते आपसी रिश्ते भी बिगड़ रहे हैं। कुछ दिन पहले की ही खबर है, जहां गाजीपुर जिले के दर्जनों स्कूली बच्चों ने ड्रीम-11 को खेलने के लिए अपने घरों से मोबाइल फोन चुराए और पैसे उसमें लुटा दिए। ऐसा ही एक मामला देहरादून से सामने आया, जहां ड्रीम-11 खेलने के चक्कर में पति-पत्नी के बीच जमकर मारपीट हो गई और मामला थाने तक पहुंच गया। ऐसे मामले देशभर से बहुत तेजी से सामने आ रहे हैं।
धंधे-मुनाफे की बात करें तो कोरोनाकाल-2020 में 181 करोड़ और 2021 में 329 करोड़ रुपये की कमाई हुई। 2022 में 141.86 करोड़ और 2023 में 188 करोड़ रुपये कंपनी ने इस चमत्कारी क्विज से कमाए। ये ऐसा लालची खेल है जिसे अच्छे से पता है कि चुंगल में सबसे पहले कौन फंसेगा। मैच के दौरान ये ड्रीम-11 खेल युवाओं को 39 रुपये से लेकर 59 रुपये में करोड़पति बनने का दावा करता है। लालच में आकर युवा मैच देखने के बजाय खेल के नियामानुसार ऑनलाइन निर्धारित धन राशि देकर ड्रीम इलेवन में अपनी टीमें बनाते हैं। ये खेल कम उम्र के युवाओं के मस्तिष्क में घर कर गया है जिससे वो मानसिक बीमार भी बनते जा रहे हैं। खेल के चक्कर में देश के अनगिनत लोग कंकाल भी होते जा रहे हैं।
टीनएजर्स में इसकी ज्यादा लत है। अब तो इस खेल में युवाओं के अलावा बुद्धिजीवी वर्ग भी खूब दिलचस्पी ले रहे हैं। वो भी पैसे लगाकर बर्बाद हैं। लोगों में करोड़पित बनने का लालच ऐसा सवार है कि एक नहीं, बल्कि कई टीमें बनाकर अपने पैसे बेकार कर रहे हैं। हालांकि, कम ही लोग जानते हैं कि 'माई टीम-11' और 'ड्रीम-11' दोनों भारतीय फैंटेसी स्पोर्ट्स मार्केट की प्रमुख कंपनियां हैं। दोनों प्लेटफॉर्म उपयोगकर्ताओं को पुरस्कार के रूप में वास्तविक नकद की पेशकश करके ऑनलाइन क्रिकेट खेलने का लालच देती हैं और अपनी ओर आकर्षित करके उन्हें लुभाते हैं। अगर कायदे से देखें तो सिर्फ ठगी के सिवाए और कुछ नहीं हैं इन क्विज में?
गौरतलब है, ड्रीम-11 क्विज अपने शुरुआत से ही विवादों में है। इससे संबंधित कई अप्रिय घटनाएं भी घटीं। 2017 में एक याचिका इस पर प्रतिबंध लगाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई थी। कोर्ट ने माना था कि ड्रीम-11 खेलने के लिए खेल से जुड़ी स्किल, ज्ञान और खेलने वाले पर निर्भर करता है कि वो खेले या नहीं? कोर्ट ने रोक लगाने से इनकार कर दिया था। उसके बाद रास्ता साफ हो गया। अब स्थिति ये है, ड्रीम-11क्विज युवाओं को करोड़ों की लालच देकर बेतहाशा धन कमाने पर उतर गई है। क्विज का प्रचार इस वक्त आईपीएल से कहीं ज्यादा है। न्यूज चैनल हों या मनोरंजन के अन्य संसाधन, सबमें इसका प्रचार दिखाई पड़ता है। बड़े से बड़ा खिलाड़ी-अभिनेता ड्रीम-11 का विज्ञापन कर रहा है। इसलिए युवाओं में करोड़पति बनने का कीड़ा और तेजी से काटने लगा है। हालांकि, विज्ञापन कें अंत में बकायदा बताया भी जाता है कि ‘खेल में वित्तीय जोखिम है, इसकी लत लग सकती है। बावजूद, इसके ये आफत दर्शकों के सिर चढ़कर बोल रही है। मजे की बात तो ये भी है, ड्रीम-11 को खुलेआम बढ़ावा दिया जा रहा है और वित्तीय जोखिम भी बताते हैं। प्रत्यक्ष रूप से देखें तो इसमें सीधे-सीधे पैसों की बर्बादी के सिवाए कुछ और नहीं? ऐसे खेलों पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित लगना ही चाहिए।
क्विज 'ड्रीम-11' के संस्थापक भावित सेठ और हर्ष जैन हैं। अनुमान के मुताबिक आईपीएल के अभी तक के संस्करणों में कंपनी इस क्विज के जरिए 6284 करोड़ रुपये की भारी भरकम धनराशि कमा चुकी है। अनुमान है मौजूदा आईपीएल-2024 कमाई में पूर्व के सभी रिकॉर्ड तोड़ देगा। क्विज की विश्वसनीयता बनी रहे इसलिए विजेताओं के नाम पूर्व क्रिकेटर सौरभ गांगूली से लेकर कई नामचीन खिलाड़ी करते हैं, इससे युवाओं में और उत्सुकता बढ़ती है। सोचते हैं वो जीत सकते हैं तो हम क्यों नहीं? खेल को खेलने और करोड़पति बनने की होड़ ने युवाओं को मानसिक बीमार तक बना डाला है। कुल मिलाकर ये खेल भी एक तरह से लोगों को मूर्ख बनाकर आसान तरीके से धन कमाने वाला चोखा धंधा ही है। इस तरह के कई और भी ऐप गूगल के ‘प्ले स्टोर’ में हैं जो सिर्फ पैसे कमाने के लिए ही लांच होते हैं। फर्क बस इतना है कि कोई इनका असली राज जान जाता है और कोई न-समझ के चक्कर में बर्बाद हो जाता है। हालांकि, समाज का एक वर्ग 'ड्रीम-11 क्विज' को आधुनिक जुआ ही मानकर चल रहा है। क्योंकि इसका उदय बहुत सोच समझकर किया गया। इसकी आड़ में कंपनियां, टीवी चैनल्स व अन्य लोग रातोंरात करोड़ो अरबों की लूट मचा रही हैं।
क्विज का प्रचार इस कदर है कि टीवी पर हर तीसरा विज्ञापन ड्रीम-11 का दिखाई देता है। चाहकर भी युवा दूरी नहीं बना पा रहें। ये ऐसा ऐप है जिसे खेलने वाले को मैच से पूर्व अपनी टीम को बनानी होती है। मैदान में आईपीएल मैच खेलने वाली दोनों टीमों के खिलाड़ियों में से अपने पसंद के खिलाड़ी चुनने होते हैं और फिर पॉइंटस के आधार पर उन्हें पैसे दिए जाते हैं। वैसे, देखा जाए तो ड्रीम-11 ऐप की शुरुआत वर्ष 2016 में हुई थी, लेकिन प्रचलन अब जाकर तेज हुआ है। ये क्विज एक ऑनलाइन फैंटेसी गेमिंग यूनिकॉर्न कंपनी है जिसका मुख्यालय मुंबई में है जो न सिर्फ क्रिकेट में, बल्कि फुटबॉल, कबड्डी, बास्केटबॉल जैसे खेलों में भी सक्रिय है। इसको खेलने के लिए धनराशि लगानी होती है। उसके बाद अगर आपके चुने खिलाड़ी लाइव मैच के दौरान अच्छा खेलते हैं, तो आपको पॉइंट्स मिलेंगे। दावा किया जाता है कि मैच समाप्ति के बाद जिस टीम के सर्वोच्च पॉइंट होते हैं उसे इनाम दिया जाता है। पर, कंपनी इसे सट्टे और जुए की श्रेणी में नहीं रखती। लेकिन स्वरूप वही है। ऐसा अगर न होता तो आंध्र प्रदेश, असम, सिक्किम, नगालैंड,तेलांगना, तमिलनाडु और ओड़िशा जैसे प्रदेशों में ये क्विज वर्जित क्यों होती?