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मौसम के बदले रुख से किसानों के माथे पर बल, एक अप्रैल तक करेगा परेशान

मीरजापुर, 29 मार्च (हि.स.)। बेमौसम बारिश ने किसानों को चिंतित कर दिया है, किसानों के ऊपर मानो कहर बरस रहा हो। यह मार्च का महीना है। इस समय गेहूं, सरसों, मसूर एवं चना की कटाई होती है। बहुत से किसानों ने कटाई शुरू भी कर दी है। इस समय गेहूं की फसल पककर तैयार है, लेकिन बेमौसम बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी है। मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के कारण 31 मार्च से एक अप्रैल तक गरज-चमक के साथ मध्यम बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हो सकती है। साथ ही हवा की गति भी सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। ऐसे में किसानों को सतर्क रहने की जरूरत है। इस वर्ष आम की फसल बहुत अच्छी है, लेकिन मौसम का रुख बदलने से किसानों का काफी नुकसान होने की संभावना भी है। किसानों ने बताया कि अभी आम का फल बहुत छोटा है। छोटे फल वर्षा और हवा के साथ टूट कर नीचे गिर गए हैं। इस प्रकार के मौसम में खर्रा बीमारी का अधिक खतरा है। जिला उद्यान अधिकारी मेवाराम ने कहा कि किसान मौसम साफ होने का बिल्कुल भी इंतजार न करें। इस समय आम के बागों में प्रमुख रूप से कार्बेंडाजिम मैनकोजेब की तीन ग्राम मात्रा को एक लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें। मौसम में नमी बढ़ने से आम का हापर कीट बहुत तेजी से बढ़ता है। यह मौसम इसके लिए बहुत ही अनुकूल है। इस कीट के नर-मादा व निम्फ बौर के रस को तेजी सी चूसते हैं। फंगस की बीमारी को भी फैलाने का काम करते हैं। इन्हें प्रबंधित करने के लिए इमिडाक्लोप्रिड नामक कीटनाशक की 0.5 एमएल मात्रा को एक लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें। न करें सिंचाई, कटाई व बुवाई, करें उचित प्रबंधन उप निदेशक कृषि डा. अशोक कुमार उपाध्याय ने किसानों को सलाह दी है कि गेहूं, मसूर एवं सरसों की फसलें पककर तैयार हैं। दो-तीन दिन मौसम देखने के बाद ही कटाई करें। कटी हुई फसलों को ऊंचे स्थानों पर रखकर तिरपाल अथवा पालिथीन से ढक दें और ऊंचे स्थानों पर रखें। उड़द मूंग की बुवाई अभी रोक दें। मौसम सही हो जाने पर ही बुवाई करें। गेहूं की पछेती बुवाई जिन किसानों ने की है, वे मौसम सही न होने तक सिंचाई बिल्कुल न करें। जिन खेतों में जलभराव की स्थित हो, वहां पर पहले से ही जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करें। इस समय ओलावृष्टि की अधिक संभावना है। एक अप्रैल तक बारिश के साथ ओलावृष्टि की संभावना ग्रामीण कृषि मौसम सेवा भू-भौतिकी विभाग बीएचयू वाराणसी के नोडल अधिकारी प्रो. आरएस सिंह व तकनीकी अधिकारी (मौसम वैज्ञानिक) शिव मंगल सिंह ने बताया कि आने वाले दिनों में आसमान में बादल छाए रहने की संभावना है। पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के कारण 31 मार्च से एक अप्रैल तक कही-कही गरज-चमक के साथ मध्यम बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हो सकती है। साथ ही हवा की गति भी सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। पशुओं को छायादार स्थान पर ही बांधे। दोपहर के समय पशुओं को साफ पानी पिलाएं। बहुत जरूरी होने पर ही घर से निकालें।
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