Logo
Header
img

नये महाविद्यालयों को शीघ्र मिलेगी भूमि

उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत नव सृजित महाविद्यालयों को शीघ्र भूमि उपलब्ध कराई जायेगी। इसके अलावा संबंधित जनपद के जिला अधिकारी को भी प्राथमिकता के साथ भूमि हस्तांतरण की कार्रवाई करने को कहा गया है।

शुक्रवार को विधानसभा स्थित सभाकक्ष में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विद्यालयी शिक्षा व उच्च शिक्षा विभाग की संयुक्त समीक्षा बैठक ली। बैठक में दोनों विभागों से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई।

बैठक में मंत्री डॉ. रावत ने बताया कि राज्य सरकार प्रदेश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर दृढ़ संकल्पित है। इसी क्रम में विगत वर्ष सरकार ने उच्च शिक्षा के दायरे को बढ़ाते हुए प्रत्येक विकासखंड में नये राजकीय महाविद्यालयों की स्वीकृति प्रदान करते हुए 10 नये महाविद्यालयों की स्थापन की थी। जिसमें से अधिकांश महाविद्यालयों को भवन हेतु भूमि उपलब्ध करा दी गई है। कुछ महाविद्यालयों सुद्धोवाला (देहरादून), रामगढ़ (नैनीताल), मोरी (उत्तरकाशी) एवं खाड़ी (टिहरी गढ़वाल) को उपयुक्त भूमि नहीं मिल पाई है, जिसके चलते महाविद्यालयों के भवन नहीं बन पाये।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने उपरोक्त महाविद्यालयों की स्थापन के लिए विद्यालयी शिक्षा के पास उपलब्ध भूमि का आवंटन करने का निर्णय लिया है। इसके लिये दोनों विभागों के उच्चाधिकारियों को भूमि हस्तांतरण में आ रही समस्याओं का शीघ्र निपटारा करने के साथ ही एनओसी जारी करने के निर्देश दिये हैं। साथ ही संबंधित जनपदों के जिलाधिकारियों को भी भूमि हस्तांतरण में त्वरित कार्य करने के निर्देश दिये गये हैं।

डॉ. रावत ने बताया कि इन सभी महाविद्यालयों को भूमि हस्तांतरण की कार्रवाई के बाद भवन निर्माण के लिए डीपीआर तैयार कर शासन को उपलब्ध कराने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का मकसद स्थानीय स्तर पर छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापरक उच्च शिक्षा उपलब्ध कराना है। इसके लिये राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है।

Top