किसानों की सुध लेने की बजाय चुनावों की तैयारियों में जुटी है भाजपा सरकार : मनदीप
फतेहाबाद जिले में बाढ़ से हुए नुकसान के मुआवजे की मांग को लेकर सैंकड़ों किसानों द्वारा शुक्रवार को फतेहाबाद में पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति के बैनर तले जोरदार प्रदर्शन किया गया। किसान अपनी ट्रैक्टर-ट्रालियों पर सवार होकर फतेहाबाद अनाज मण्डी पहुंचे और यहां से लघु सचिवालय तक प्रदर्शन किया गया।
किसान संगठन द्वारा डीसी कार्यालय पर पक्का मोर्चा शुरू करते हुए ऐलान किया गया कि जब तब सरकार किसानों की मांगों को पूरा नहीं करती, उनका आंदोलन जारी रहेगा। आज के प्रदर्शन की अध्यक्षता पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष मनदीप नथवान ने की।
किसानों को संबोधित करते हुए मनदीप नथवान ने कहा कि बाढ़ व सेम से खराब हुई फसलों के मुआवजे सहित 21 मांगों को लेकर आज किसानों को सडक़ों पर उतरना पड़ा है। उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार अभी किसानों को मुआवजा देने के मूड में नहीं है। अभी वह किसानों के साथ पोर्टल-पोर्टल खेल रही है। भाजपा सरकार को किसानों से कोई लेना-देना नहीं है। किसानों की परवाह करने की बजाय भाजपा सरकार चुनावों की तैयारियों में जुटी है। मनदीप ने प्रदेश के विपक्ष को भी नकारा बताते हुए कहा कि विपक्ष आज सरकार की नाकामी को वोटरों में तबदील करना चाहता है। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया है। उन्होंने कहा कि स्थानीय विधायक केवल फोटो खिंचवाने के लिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में गए लेकिन उसके बाद उन्होंने कोई इलाका नहीं संभाला।
किसानों ने इन 21 मांगों को उठाया
मांग पत्र में किसान संघर्ष समिति ने बाढ़ पीडि़त किसान को 50 हजार प्रति एकड़ मुआवजा देने, खराब ट्यूब्वैलो व मकानों का मुआवजा देने, जहां पानी नहीं निकल सकेगा वहां पानी निकासी का प्रबंध करने, एक साल बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में बिजली के बिलों को न लेने, कर्ज को एक साल ब्याज मुक्त करने, खराब हुए नए ट्यूब्वैल लगने पर कनेक्शन शिफ्टिंग का खर्चा ना लेने, घग्घर नदी पर टूटे बांधों को बनवाने, बाढ़ से जिन किसानों की जमीन पानी में बह गई है उन्हें विशेष जमीन में मिट्टी डालने के लिए मुआवजा देने, स्वास्थ्य सेवाएं फ्री गांव-गांव तक पहुंचाने, बाढ़ के दौरान लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने, आपदा प्रबंधन के लिए जो पैसा सरकारी खजाने से आया है उस पैसे की जांच करने, मजदूर परिवारों को 20 हजार प्रति परिवार देने आदि की मांग की है।