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राजस्थान में माइनस से जमाव बिंदु पर पहुंचा फतेहपुर का तापमान

जयपुर, 28 दिसंबर (हि.स.)। राजस्थान में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। सीकर के फतेहपुर में बुधवार को तापमान शून्य रहा, जबकि कल यहां न्यूनतम तापमान -1.7 डिग्री सेल्सियस था। चूरू में भी तापमान आज कल की तरह 0.6 डिग्री सेल्सियस रहा। राजस्थान में पिछले तीन-चार दिन से पड़ रही तेज सर्दी से आज से थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। उत्तर भारत में आज से एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। इसके असर से तापमान बढ़ने लगेगा। कड़ाके की ठंड और शीतलहर का असर कम होगा। इस सिस्टम का ज्यादा असर जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, लद्दाख के अलावा मैदानी इलाके पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के कुछ हिस्सों में देखने को मिल सकता है। राजस्थान में बीकानेर, जयपुर संभाग के हिस्सों में बुधवार देर शाम या गुरुवार से आसमान में हल्के बादल छा सकते हैं। तापमान 4 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है। मौसम केन्द्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा के अनुसार इस नए सिस्टम का प्रभाव 29 दिसंबर तक रह सकता है। 30 दिसंबर से जब से सिस्टम हटेगा तो मौसम में फिर बदलाव आएगा। उत्तरी राजस्थान के कुछ हिस्सों में कोहरा छाने के साथ तापमान में गिरावट होगी। वहीं, जनवरी में 3-4 तारीख से एक नया शीतलहर का दौर शुरू हो सकता है। सीकर, पिलानी में रात का तापमान 3.5 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया। यहां सुबह ग्रामीण इलाकों में हल्का कोहरा भी छाया रहा। सवाई माधोपुर, जयपुर, टोंक, अजमेर के अलावा अलवर, दौसा, भरतपुर, करौली में भी सुबह-सुबह ग्रामीण इलाकों में कोहरे देखने को मिला। राज्य के कुछ शहरों में दिन के तापमान बढ़ने से वहां लोगों को कोल्ड-डे स्थिति से राहत मिली है। श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, पिलानी, अलवर, बीकानेर में दिन का तापमान 5 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ा है। प्रदेश में इस बार उम्मीद के मुताबिक कड़ाके की ठंड नहीं पड़ी। दिसंबर का आगाज पारा लुढ़कने के साथ कड़ाके की ठंड के साथ हुआ था, लेकिन इसके बाद 22 दिन पारा लुढ़कने के बजाय पारा सामान्य से ज्यादा रहा। ज्यादातर शहरों में रात का पारा 18 और दिन में 30 डिग्री से ऊपर चला गया। दो-तीन से पारा लुढ़का लेकिन 24 घंटे में ही फिर से चढ़ने लगा है। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक इस बार विंटर सीजन कमजोर रहने के पीछे पश्चिमी विक्षोभ की कम सक्रियता और उत्तरी इलाकों से सर्द हवाओं की बजाय समुद्री हवाएं सक्रिय रही। पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय नहीं होने से मावठ भी नहीं हुई। इससे तापमान सामान्य से नीचे गया। आंकड़े बताते है कि जिस साल विंटर सीजन में मावठ हुई तब पारा सामान्य से नीचे गया और लगातार कड़ाके की ठंड का दौर चला। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि विंटर सीजन में उत्तरी इलाकों से आने वाली ठंडी हवाएं मैदानी इलाकों की ओर चलती है तो तापमान में सामान्य से नीचे जाता है और कड़ाके की ठंड पड़ती है। दूसरा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से मावठ बरसने से भी पारा गिरता है। इस बार यह दोनों ही पैटर्न कमजोर हैं। पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय रूप से नहीं गुजर रहे हैं। उत्तरी इलाकों से आने वाले ठंडी हवाओं की बजाय अधिकतर स्थानों पर समुद्री हवाएं एवं पूर्वी समुद्री हवाएं ज्यादा सक्रिय है। उत्तरी हवाओं के मुकाबले ये हवाएं गर्म और इनमें नमी ज्यादा होने से तापमान में ज्यादा परिवर्तन नहीं आता है। अगले हफ्ते से उत्तरी हवाएं सक्रिय होने से शीतलहर चलने के साथ कड़ाके की सर्दी के आसार है। मावठ नहीं होने से रबी की फसल पर भी खासा प्रभाव पड़ा है। किसानों को दो से तीन बार सिंचाई करनी पड़ी। मावठ होने से फसल में सिंचाई की जरूरत कम होती है। बीती रात अजमेर में 7.2 डिग्री सेल्सियस, भीलवाड़ा में 4.3, वनस्थली में 5.1, अलवर में 8, जयपुर में 8.4, पिलानी में 4.6, सीकर में 5, कोटा में 7.6, बूंदी में 9, चित्तौड़गढ़ में 5.4, डबोक में 6.4, बाड़मेर में 11, पाली में 6.2, जैसलमेर में 8.8, जोधपुर में 10.4, फलौदी में 6.2, बीकानेर में 5.5, चूरू में 0.6, श्रीगंगानगर में 6.4, धौलपुर में 7.9, नागौर में 4.7, टोंक में 8.6, बारां में 5.2, डूंगरपुर में 10.6, हनुमानगढ़ में 3.8, जालोर में 10.1, सिरोही में 4, सवाई माधोपुर में 5, फतेहपुर में 0.8, करौली में 1.7 और बांसवाड़ा में 5 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान मापा गया।
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