घग्घर और रंगोई नाले के कारण जाखल, टोहाना व रतिया क्षेत्र को अपनी चपेट में लेने के बाद बाढ़ का पानी फतेहाबाद शहर के मुहाने पर पहुंच गया है। फतेहाबाद-रतिया रोड पर गांव अहरवां के पास टूटे रंगोई नाले का पानी अयालकी के खेतों को डुबोता हुआ अयालकी और फतेहाबाद के बीच पड़ने वाले रंगोई नाले के साथ लग गया है।
वहीं, चिम्मो साइफन से निकला पानी और गांव रजाबाद के पास ओवरफ्लो हुए रंगोई का पानी शेखुपुर सोतर, काताखेड़ी, धिड़, बोसवाल होते हुए माजरा की तरफ बह रहा है। पानी की तेज रफ्तार के कारण शेखुपुर सोतर, काताखेड़ी, धिड़, बोसवाल की हजारों एकड़ भूमि जल मग्न हो गई है। ग्रामीण रिहायशी एरिया को बचाने के लिए गांव के बाहर बांध बनाने में जुटे हैं जबकि गांवों के निचले स्थानों पर रहने वाले लोग यहां से पहले ही पलायन कर चुके हैं। फतेहाबाद शहर को बाढ़ के पानी से बचाने के लिए प्रशासन ने भी हाईवे बाईपास पर पूरी तैयारियां कर रखी हैं।
रतिया रोड स्थित गांव अयाल्की के लोगों ने प्रशासन पर उनकी कोई सुध न लेने का आरोप लगाते हुए फतेहाबाद-रतिया रोड पर जाम लगा दिया। जाम के कारण रतिया रोड पर करीब घंटाभर वाहनों का आवागमन बंद रहा। बाद में मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने ग्रामीणों को समझा कर जाम खुलवाया। प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों की मांग है कि यहां सड़क को बीच से खोद कर इस पानी को खान मोहम्मद व झाड़ साहब की तरफ मोड़ा जाए ताकि पानी का लेवल कम हो सके।
उन्होंने कहा कि सड़क के एक ओर पानी का भराव होने से गांव में पानी के घुसने का खतरा बढ़ गया है। गांव अयालकी के पास आउटर एरिया में बनी कॉलोनियों में पानी घुसने के डर से यहां मनरेगा मजदूरों द्वारा मिट्टी से बांध अवश्य बनाए गए हैं, लेकिन पानी का बहाव तेज होने के कारण यह पानी बांध के सिरे तक आ चुका है। यह पानी कभी भी बांध को लांघ कर आउटर ऐरिया की आबादी में घुस सकता है। इसको लेकर लोगों में लगातार भय बना हुआ है। बहल भमिया के लोग मौके पर पहुंचे और वहां तनाव पैदा हुआ तो गुप्तचर विभाग की टीम मौके पर पहुंची तथा दोनों पक्षों को शांत करवाया।