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यमुनानगर: बचपन से बच्चों में राष्ट्र भक्ति के संस्कार डालें: महंत कर्मजीत सिंह

सामाजिक समरसता मंच ने 1947 भारत विभाजन पीड़ा विषय पर की गोष्ठी 85 साल से अधिक के 13 प्रबुद्धजनों को किया सम्खंड भारत संकल्प दिवस के अवसर पर सामाजिक समरसता मंच की ओर से सोमवार शाम को 1947 भारत विभाजन पीड़ा विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य अतिथि हरियाणा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान महंत कर्मजीत सिंह मुख्य अतिथि, करनाल से आए बाबा जोगा सिंह, राजेश खरबंदा व डा. नरेंद्र विर्क विविशिष्ट अतिथि रहे। पंजाब से आए सरदार गुरबचन सिंह मोखा मुख्य वक्ता रहे।

गोष्ठी के दौरान 106 वर्षीय मोहन लाल, 97 वर्षीय खेल सिंह, 95 वर्षीय चंदर मेहता, 96 वर्षीय सुमित्रा देवी सहित 85 वर्ष से अधिक आयु के 13 प्रबुद्धजन को सम्मानित किया गया। जिनके परिवार विभाजन काल की पीड़ा पर विजय प्राप्त कर आए थे।

गोष्ठी के मुख्य वक्ता सरदार गुरबचन सिंह में कहा कि मुगलों ने भारत विभाजन की नींव रखी और मुगल काल से ही मुगलों ने भारत के मंदिरों को तोड़ा। भारतीय संस्कृति को मिटाकर इस्लाम स्थापित करने के लिए भारतीयों पर अत्याचार किए। जबरन धर्मांतरण कर मुगल भारत को तोड़ने के लिए सदैव षड्यंत्र करते रहे।

गोष्ठी में हरियाणा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान महंत करमजीत सिंह ने कहा कि आज युवाओं में विदेश में जाने की होड़ लगी हुई है। जबकि भारत जैसी पवित्र, मेहनतकश धरती दुनिया में कहीं भी नहीं है। माता-पिता को बचपन से ही अपने बच्चों में राष्ट्रभक्ति के संस्कार डालने चाहिए। शिक्षाविद केएन कपूर ने कहा कि विभाजन एक सोचा समझा षड्यंत्र थ सामाजिक चिंतक नरेंद्र सिंह विर्क ने कहा की विभाजन से सीख लेकर भारत की युवा पीढ़ी को देश को मजबूत करने के लिए संकल्प लेना चाहिए। गोष्ठी में मुख्य समरसता विभाग संयोजक सुरेंद्र ने सभी अतिथियों का आभार जताया। मौके पर जिला कार्यवाह राकेश सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।


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